सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर एक हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनपर मानहानि का मुकदमा हुआ था।
राहुल ने इस मामले को रद्द करने की मांग की थी, जिसके बाद न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, भाजपा कार्यकर्त्ता नवीन झा ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 18 मार्च, 2018 को एक भाषण में शाह पर एक हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।
रांची की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने झा की इस शिकायत को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने रांची में न्यायिक आयुक्त के पास एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
न्यायिक आयुक्त ने मजिस्ट्रेट के आदेश को पलट दिया और मामले को आगे की समीक्षा के लिए वापस भेजा था।
आगे क्या हुआ?
हाई कोर्ट से राहुल को नहीं मिली थी राहत
मामले की समीक्षा हुई तो मानहानि के मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत मिले। जिस कारण राहुल को उपस्थिति होने के लिए समन भी जारी किया गया। हालांकि, राहुल ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी।
हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति अंबुज नाथ ने भी राहुल की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि राहुल का बयान भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 के तहत प्रथम दृष्टया मानहानिकारक था।
सुनवाई
कोर्ट ने दिया 4 सप्ताह का समय
आज सुप्रीम कोर्ट में राहुल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे कई फैसले हैं जिनसे पता चलता है कि केवल पीड़ित व्यक्ति ही आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करा सकता है और यह शिकायत किसी अन्य द्वारा दर्ज नहीं कराई जा सकती।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता नवीन झा और झारखंड सरकार को सिंघवी को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है।