हिंडनहर्ग ने अडाणी से जुड़ी रिपोर्ट 2 महीने पहले अपने ग्राहक से साझा की थी- SEBI
क्या है खबर?
शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की अडाणी समूह से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के मुताबिक, हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करने से करीब 2 महीने पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के साथ इसे साझा किया था।
हिंडनबर्ग ने ऐसा कर कथित तौर पर शेयर मूल्य में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को साझा करने के सौदे से लाभ कमाया था।
SEBI
रिपोर्ट से हिंडनबर्ग ने कमाया अनुचित लाभ- SEBI
SEBI ने हिंडनबर्ग को भेजे अपने 46 पेज के कारण बताओ नोटिस में बताया कि कैसे अमेरिकी शॉर्ट सेलर न्यूयॉर्क हेज फंड और कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े एक ब्रोकर ने रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध फर्मों के बाजार मूल्य में गिरावट से लाभ कमाया था।
SEBI ने हिंडनबर्ग पर गैर-सार्वजनिक और भ्रामक जानकारी का उपयोग कर अडाणी समूह के शेयरों में घबराहट में बिक्री को प्रेरित कर अनुचित लाभ कमाने का आरोप लगाया है।
हिंडनबर्ग
मामले पर हिंडनबर्ग का क्या कहना है?
SEBI के कारण बताओ नोटिस के जवाब में हिंडनबर्ग ने कहा है कि यह भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने-धमकाने का प्रयास है।
हिंडनबर्ग ने दावा किया कि अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के खिलाफ दांव लगाने का माध्यम कोटक महिंद्रा (इंटरनेशनल) लिमिटेड था, जो कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड की मॉरीशस स्थित सहायक कंपनी है।
किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट
क्या है किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट?
ये अमेरिकी निवेश प्रबंधन कंपनी है, जिसकी स्थापना मार्क किंगडन ने 1983 में की थी।
ये कंपनी कई अमीरों और संस्थागत निवेशकों के निवेश का प्रबंधन करती है। यह लॉन्ग और शॉर्ट टर्म दोनों में लाभ कमाने के लिए रणनीति बनाती है।
कंपनी की स्थापना के समय इसका हेज फंड 16 करोड़ रुपये था, जो 2007 तक बढ़कर 49,000 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने 1983 से 2000 तक 22.99 प्रतिशत का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दिया है।
मामला
क्या है हिंडनबर्ग-अडाणी मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट में अडाणी समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था।
रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।