
NEET-UG मामला: दोषियों की पहचान नहीं हुई तो देना होगा दोबारा परीक्षा का आदेश- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक और अनियमितता से जुड़ी कुल 38 याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
इनमें से 34 याचिकाएं परीक्षार्थी, कोचिंग सेंटर्स और अध्यापकों ने और 4 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने दोबारा से परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा यदि सरकार दोषियों की पहचान करने में असमर्थ है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।
टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में की सख्त टिप्पणी
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, "पेपर कहां-कहां लीक हुआ, कहां-कहां कार्रवाई हुई, क्या सभी दोषियों की पहचान कर ली गई है?"
इस पर साॅलिसिटर जनरल ने कहा कि एक जगह गिरफ्तारियां हुई है और दोषियों के परिणाम रोक दिए गए हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा, "दोषियों की पहचान न होने पर दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यह स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल है कि पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक एक स्वीकृत तथ्य है।"
चेतावनी
दोबारा परीक्षा करवाना अंतिम विकल्प- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "यदि आप (सरकार) पेपर लीक का फायदा उठाने वाले दोषियों की पहचान करने में विफल रहते हैं तो फिर दोबारा परीक्षा कराना अंतिम विकल्प होगा। हम आपको सभी तथ्य प्रस्तुत करने के लिए एक दिन का समय देंगे। हम चाहते हैं कि सभी वकील अपनी दलीलों को अधिकतम 10 पृष्ठों में एक सेट उपलब्ध कराएं।"
इस दौरान कोर्ट ने CBI को भी अब तक की कार्रवाई के संबंध में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
काउंसलिंग
NEET काउंसलिंग पर कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने पेपर लीक मामले में अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई का दिन निर्धारित किया है। हालांकि, इस बीच NEET-UG काउंसलिंग के अटके होने पर भी बात हुई।
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि "अगर NTA और केंद्र सरकार को इस मामले में कोई और एक्सरसाइज करनी है तो काउंसलिंग की स्थिति पर सरकार को एक नीतिगत निर्णय लेना होगा।'
कोर्ट ने सभी पक्षों को गुरुवार को पूरे तथ्यों के साथ उपलब्ध होने का आदेश दिया है।
हलफनामा
सरकार ने अपने हलफनामे में कही थी यह बात
केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा मंत्रालय ने 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफानामा दायर किया था।
उसमें सरकार ने कहा था कि वह पूरी परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं।
सरकार ने कहा था कि परीक्षा रद्द करना लाखों परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।
स्थगित
सुनवाई को देखते हुए सरकार ने स्थगित की काउंसलिंग
इस पूरे विवाद को देखते हुए सरकार ने 6 जुलाई से शुरू होने वाली NEET-UG काउंसलिंग को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया था।
बड़ी बात यह है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दो बार (11 जून और 20 जून) काउंसलिंग स्थगित करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि अगर परीक्षा जारी रहेगी तो काउंसलिंग भी जारी रहनी चाहिए। वह इस पर रोक नहीं लगाएगा।
जांच
CBI कर रही है मामले की जांच
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी थी।
उसके बाद 23 जून को CBI ने भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और PC एक्ट की धारा 13(2), 13(1) में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
मामले में अब तक झारखंड के हजारीबाग में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य समेत 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पूछताछ जारी है।
पृष्ठभूमि
NEET-UG को लेकर क्या है पूरा विवाद?
NEET-UG परीक्षा 5 मई को हुई थी। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। परीक्षा वाले दिन पटना से जले हुए प्रश्न पत्र भी बरामद किए गए थे।
जब परिणाम जारी हुआ तो उसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। सभी के 720 में से 720 अंक आए थे।
इसके बाद पूरे देश में परीक्षा के निष्प्क्षता को लेकर हंगामा हो गया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाएं दायर की गई थीं।