ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वीडियो सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में जमा; अब तक क्या-क्या हुआ?
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे करने वाली टीम ने आज अपनी रिपोर्ट एक सील बंद लिफाफे में वाराणसी कोर्ट को सौंप दी। सर्वे के वीडियो की चिप भी कोर्ट को सौंपी गई है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को मामले पर आज सुनवाई न करने को कहा है। ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा ये पूरा मामला आखिर है क्या और इसमें कब-क्या हुआ, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
कैसे हुई मामले की शुरूआत?
मामले की शुरूआत वाराणसी कोर्ट में दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका के साथ हुई। अपनी याचिका में उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन, पूजा और भोग की इजाजत साल भर के लिए मांगी। अभी साल में केवल एक बार दर्शन की इजाजत है। उन्होंने मस्जिद में मौजूद कुएं में शिवलिंग होने का दावा भी किया और मूर्तियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सर्वे की मांग की।
वाराणसी कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
9 अप्रैल को इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए रवि कुमार दिवाकर के वाराणसी सिविल कोर्ट (सीनियर डिविजन) ने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार को मस्जिद परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया। मस्जिद समिति ने इसके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट के आदेश पर 6 मई को सर्वे शुरू किया गया था, लेकिन अगले ही दिन वीडियोग्राफी पर मस्जिद समिति के विरोध के कारण इसे बंद करना पड़ा।
12 मई को कोर्ट ने दिया सर्वे जारी रखने का फैसला
मस्जिद समिति के विरोध के बाद मामला एक बार फिर से वाराणसी की कोर्ट में पहुंचा। 12 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने वीडियो सर्वे जारी रखने का आदेश जारी किया। उसने 17 मई तक सर्वे करने का निर्दश दिया। इस बीच सर्वे को रोकने के लिए मस्जिद समिति ने 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई के लिए तो तैयार हो गया, लेकिन उसने सर्वे पर रोक नहीं लगाई।
कब किया गया मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा?
वाराणसी कोर्ट के दूसरे आदेश के बाद 14 मई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे एक बार फिर से शुरू किया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच इसे तय समय से एक दिन पहले 16 मई को पूरा कर लिया गया। सर्वे पूरा होते ही एक हिंदू महिला याचिकाकर्ता के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने दावा किया कि मस्जिद में स्थित तालाब को खाली किया गया तो इसमें शिवलिंग मिली। मुस्लिम पक्ष ने इसके पानी का फव्वारा होने की बात कही।
कोर्ट ने सील किया तालाब, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावों के बीच याचिकाकर्ताओं की अपील पर वाराणसी कोर्ट ने 16 मई को तालाब को सील करने का आदेश जारी किया। 17 मई को मामले में फिर सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने सर्वे टीम को रिपोर्ट जमा करने के लिए आज तक का वक्त दिया था। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई जिसने तालाब को सील करने, लेकिन नमाज चलते रहने का आदेश दिया।