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    लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं- सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार
    लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं- सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार

    लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं- सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार

    लेखन मुकुल तोमर
    Apr 04, 2022
    03:23 pm

    क्या है खबर?

    उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के भागने का डर नहीं है।

    सरकार ने कहा कि अपराध गंभीर था, लेकिन मिश्रा आदतन अपराधी नहीं है। उसने कहा, "अगर वह आदतन अपराधी होता तो उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए थी।"

    मिश्रा की जमानत के खिलाफ दायर की गई याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने ये दलीलें दीं। सुप्रीम कोर्ट ने उसे इस संबंध में नोटिस जारी किया था।

    दलीलें

    सरकार ने कहा- हमारी दलीलों के बावजूद हाई कोर्ट ने जमानत दी

    आशीष मिश्रा की जमानत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, "उसने हाई कोर्ट के सामने दलील दी थी कि ये एक गंभीर अपराध है और इसकी आलोचना के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। हाई कोर्ट ने हमारी दलीलों के बावजूद जमानत दी।"

    सरकार ने कहा, "अपराध जानबूझ कर किया गया था या नहीं, इसकी ट्रायल के दौरान ही समीक्षा हो सकती है। अपराध का मकसद एक बारीक मुद्दा है।"

    विरोध

    पीड़ित परिवारों ने किया है जमानत का विरोध

    इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत देने के बाद पीड़ितों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

    अपनी याचिका में परिजनों ने कहा कि जमानत देते वक्त हाई कोर्ट ने कुछ सिद्धांतों को अनदेखा किया और राज्य सरकार ने भी जमानत के खिलाफ कोई अपील नहीं की।

    उन्होंने मिश्रा के बाहर आने के बाद एक गवाह पर हमले का दावा भी किया।

    पिछली सुनवाई

    पिछले सुनवाई में सरकार ने कहा था- जमानत का पुरजोर विरोध किया

    पीड़ित परिवारों के इन दावों को गलत बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछली सुनवाई में कहा था कि उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का पुरजोर विरोध किया था और जमानत का विरोध न करने की बात पूरी तरह से झूठी है।

    सरकार ने एक गवाह पर हमले के दावे को भी गलत बताया था और कहा था कि उसे होली पर रंग फेंकने को लेकर हुए एक व्यक्तिगत झगड़े में चोट लगी थी।

    घटना

    लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?

    लखीमपुर में पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।

    मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।

    बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।

    जानकारी

    आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT

    लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था।

    चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है।

    इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।

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