ED जब किसी आरोपी की संपत्ति जब्त करती है तो उसका क्या होता है?
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को अलग-अलग मामलों में शिवसेना सांसद संजय राउत और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्य्रेंद्र जैन के परिवार की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की थी। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) कानून के तहत यह कार्रवाई की गई थी।
इससे पहले भी ED ने वरिष्ठ नेता फारुक अब्दुल्ला और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की संपत्ति जब्त की थी।
आइये, जानने की कोशिश करते हैं कि जब्त हो चुकी संपत्ति का क्या होता है।
जानकारी
संपत्ति कब जब्त की जाती है?
PMLA के तहत अगर आपराधिक गतिविधियों से पैसा कमाया गया है तो इसे ED के निदेशक के आदेश पर जब्त किया जा सकता है। अगर जब्ती के लिए पैसा उपलब्ध नहीं है तो उतनी कीमत की आरोपी की संपत्ति जब्त कर ली जाती है।
जानकारी
संपत्ति जब्त होते ही क्या उसे खाली करवाया जाता है?
यह जरूरी नहीं है कि जब्ती का नोटिस जारी होते ही किसी संपत्ति को खाली करवा लिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर, ED ने फारूक अब्दुल्ला के गुपकर रोड स्थित घर समेत कई संपत्तियों को जब्त किया था। इसके खिलाफ वो अदालत में चले गए। यह मामला अभी अदालत में लंबित है और अब्दुल्ला उसी घर में रह रहे हैं।
इसी तरह कार्ति चिदंबरम भी अदालती आदेश के सहारे अपने आधे जब्त हो चुके घर में रह रहे हैं।
समयसीमा
जब्ती का आदेश कितने दिन जारी रहता है?
संपत्ति जब्त करने के लिए ED का अस्थायी आदेश 180 दिनों तक लागू रहता है। इस दौरान PMLA कानून के तहत ऊपरी अथॉरिटी से इसकी पुष्टि करवानी होती है। पुष्टि न होने पर संपत्ति अपने आप ED की जब्ती से रिहा हो जाती है।
वहीं अगर पुष्टि हो जाती है तो इसके खिलाफ 45 दिनों में अपीलीय प्राधिकरण में अपील की जा सकती है। इसके बाद आरोपी के पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का भी विकल्प होता है।
कानून
संपत्ति की जब्ती को लेकर कानून क्या कहता है?
संपत्ति जब्त करने का उद्देश्य होता है कि आरोपी उससे मिलने वाले फायदों का लाभ न उठा सके। फैसला आने तक आरोपी उस संपत्ति को इस्तेमाल नहीं कर सकता।
हालांकि, आमतौर पर फैसला आने तक संपत्ति को सील नहीं किया जाता है।
अधिकतर मामलों में आरोपी अपीलीय प्राधिकरण या अदालतों से स्टे लाकर संपत्ति को ED की जब्ती से छुड़वा लेता है और मामले में फैसला आने तक उसका इस्तेमाल करता रहता है।
जानकारी
कारोबारों को लेकर क्या किया जाता है?
जब्त होने के बाद भी चलते कारोबारों का बंद नहीं किया जाता है। इंडियन एक्स्प्रेस के अनुसार, 2018 में ED ने दिल्ली हवाई अड्डे के पास स्थित एक होटल को जब्त किया था। इसके बाद भी होटल का कामकाज चलता रहा।
कानून में यह प्रावधान किया है कि जब्ती के बाद संचालन से आने वाला मुनाफा ED के पास जाएगा, लेकिन आमतौर पर अधिकतर मामलों में कारोबारों को अंतिम फैसला आने तक अदालतों से राहत मिल जाती है।
जानकारी
जब्त हुई संपत्तियों का क्या होता है?
कई मामलों में जब्त हुई संपत्तियां सालों तक यूहीं पड़ी रहती है और खराब होने लगती है। कानून में इन संपत्तियों की देखरेख के लिए एक एजेंसी बनाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं हुआ है।
वहीं जब्त किए वाहनों को सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के वेयरहाउस में भेजा जाता है। यहां की पार्किंग फीस का भुगतान ED करती है। सालों बाद ये वाहन खड़े-खड़े ही नष्ट हो जाते हैं।