ज्ञानवापी मस्जिद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिया शिवलिंग मिलने वाली जगह की सुरक्षा का आदेश
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
इसमें सुप्रीम कोर्ट ने निचली कोर्ट में चल रही सुनवाई को देखते हुए सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
इसके अलावा जिला कलक्टर को शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील करते हुए कड़ी सुरक्षा करने तथा मस्जिद में नमाज में किसी तरह की बाधा नहीं आने देने का आदेश दिया है।
पृष्ठभूमि
वाराणसी कोर्ट ने दिया था ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे का आदेश
दिल्ली की पांच महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद में मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन, पूजा और भोग की साल भर इजाजत देने की मांग की थी।
उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद कुएं में शिवलिंग होने का दावा करते हुए मूर्तियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सर्वे की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने सोमवार को वीडियो सर्वे का आदेश दिया था।
दावा
सर्वे में मस्जिद के तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा
वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद का वीडियो सर्वे किया गया था।
सर्वे के बाद एक हिंदू महिला याचिकाकर्ता के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने दावा किया था कि मस्जिद में स्थित तालाब को खाली करने पर उसमें शिवलिंग मिला है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में मस्जिद में स्थित इस तालाब को इस्लामिक शुद्धिकरण अनुष्ठान 'वजू' के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
जानकारी
तीन गुंबद, अंडरग्राउंस बेसमेंट्स और तालाब का किया गया सर्वे
सरकारी वकील महेंद्र प्रसाद पांडे ने बताया था कि सर्वे के दौरान तीन गुंबदों, अंडरग्राउंड बेसमेंट्स और तालाब का सर्वे किया गया और मंगलवार इसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट तैयार नहीं हुई तो कोर्ट से समय मांगा जाएगा।
याचिका
सर्वे के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने दायर की याचिका
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर किए गए सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे अवैध ठहराया था।
कमेटी ने कहा था कि यह मस्जिद काफी पुरानी है और कोर्ट का आदेश उपासना स्थल अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है। साल 1991 में बने इस अधिनियिम में 15 अगस्त, 1947 के बाद देशभर के सभी पूजा स्थलों के तत्कालीन धार्मिक स्वरूप को बदलने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट का सर्वे पर रोक लगाने से इनकार
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "हम इस केस में निचली कोर्ट को जल्द सुनवाई का आदेश दे रहे हैं। ऐसे में हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उसके बाद ही हम सुनवाई करेंगे। इसी तरह मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर 19 मई को सुनवाई की जाएगी।"
कोर्ट ने कहा, "याचिका में उपासना स्थल अधिनियम को आधार बनाया गया है। ऐसे में पहले निचली कोर्ट का फैसला आना जरूरी है।"
आदेश
"शिवलिंग मिलने वाली जगह को किया जाए सील"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम यह भी कह रहे हैं कि यदि मस्जिद के तालाब में शिवलिंग मिला है तो जिला कलक्टर को उस जगह को सील करना चाहिए और उसकी कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, लेकिन इस प्रक्रिया में मस्जिद में की जाने वाली नमाज में बाधा नहीं आनी चाहिए।"
कोर्ट ने कहा, "इस मामले से जुड़ी अन्य सभी याचिकाओं पर 19 मई को होने वाली सुनवाई तक शिविलिंग वाली जगह की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।"
जानकारी
मस्जिद कमेटी ने की यथास्थिति के आदेश की मांग
मस्जिद कमेटी के वकील अहमदी ने कहा कि वह सर्वे और कोर्ट कमिशन की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग करते हैं। शीर्ष अदालत को मामले का निपटारा होने तक उपासना स्थल अधिनियम की धारा-3 के तहत यथास्थिति का आदेश देना चाहिए।
कार्रवाई
वाराणसी कोर्ट ने कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया
इधर, वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और वीडियोग्राफी के लिए तैनात किए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को प्रक्रिया से हटा दिया गया है।
मिश्रा पर मीडिया में सर्वे से संबंधित जानकारी लीक करने का आरोप लगने और काम में रुचि नहीं लेने को लेकर यह कार्रवाई की गई है।
अब कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को ही कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। कोर्ट ने इसके लिए उन्हें दो दिन का समय दिया है।