सोनभद्र हत्याकांड: हिंसा वाले दिन थी पुलिस की कमी, VIP ड्यूटी पर गए थे जवान- रिपोर्ट
सोनभद्र हत्याकांड में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। एक समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि घटनास्थल के आसपास के पुलिस थानों में जवानों की कमी थी क्योंकि पुलिस जवानों को नजदीकी जिलों में VIP ड्यूटी पर भेजा गया था। उन्होंने बताया कि भीड़ ने पुलिसवालों को मारने की भी कोशिश की और कम जवान होने के कारण वो प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाए।
'टाइम्स नाउ' के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा
'टाइम्स नाउ' के स्टिंग ऑपरेशन में घोरवाल पुलिस थाने के एक अधिकारी को ये बातें कहते हुए सुना जा सकता है। वह बता रहा है, "जिस दिन ये घटना हुई, थाने में कोई पुलिस बल नहीं था। ऐसी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आपको कम से कम 20 जवानों, 5 दरोगाओं और कुछ PCR वैन की जरूरत होती है।" उसने आगे बताया कि पुलिस के कई जवानों को पास के जिलों में VIP ड्यूटी पर भेजा गया था।
अधिकारी का दावा, भीड़ ने पुलिसवालों को भी मारने की कोशिश की
पुलिस अधिकारी ने बताया, "वो छुट्टी पर नहीं थे। उन्हें अन्य जगहों पर तैनात किया गया था, कुछ को वाराणसी में तो बाकियों को लखनऊ और मिर्जापुर में।" उन्होंने आगे बताया, "केवल 2 दरोगा और 5 जवान घटनास्थल पर गए। उन्होंने अपनी 2 PCR वैन का इस्तेमाल शवों को ढोने के लिए किया। भीड़ ने पुलिसवालों को भी मारने की कोशिश की।" उन्होंने कहा कि वह वहां नहीं थे और उनके वरिष्ठ अधिकारी इस पर ज्यादा जानकारी दे सकते हैं।
"यहां कोई नहीं कर रहा कानून व्यवस्था का पालन"
पुलिस अधिकारी ने ये भी दावा किया कि हर कोई खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है और कोई भी कानून को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने बताया, "यहां कोई भी कानून व्यवस्था का पालन नहीं कर रहा। हर कोई खुद को बचाने में व्यस्त है। अगर हम गांववालों के लिए लड़ते भी हैं तो वो हमारी मदद नहीं करेंगे। लोग फिर भी ये कहेंगे कि पुलिस गलत है। स्पष्टीकरण जारी करने का क्या मतलब है?"
"गांववाले सबसे पहले हम पर हमला करेंगे"
गांववालों के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा, "जब आप पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर आते हैं तो आप मेरी सुनेंगे। लेकिन अगर हम उनके गांव में जाते हैं तो वो सबसे पहले हम पर हमला करेंगे।"
क्या है सोनभद्र हत्याकांड मामला?
17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में लगभग चार करोड़ रुपये की कीमत की 112 बीघा जमीन के लिए गांव के प्रधान यज्ञदत्त और गोंड आदिवासियों के बीच विवाद हो गया था। यज्ञदत्त 32 ट्रैक्टरों में लाठी-डंडा, भाला, राइफल और बंदूकों से लैस 60-70 लोगों के साथ वहां पहुंचा था। जब आदिवासियों ने जमीन को जोतने का विरोध किया तो उन्होंने गोलियां चला दीं, जिसमें 10 आदिवासी मारे गए। यज्ञदत्त समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
राजनीति के केंद्र में रहा था मामला
घटना पर राजनीति भी जमकर हुई थी और पीड़ितों के परिजनों से मिलने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें कुछ मृतकों के परिजनों से मिलाया था। दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी ने घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था, "ये कांग्रेस का पाप है और वो खुद घड़ियाली आंसू बहा रही है। कांग्रेस के जमाने में आदिवासियों की जमीन ट्रस्ट को दे दी गई थी।"