ज्ञानवापी मस्जिद के तालाब में 'शिवलिंग' मिलने का दावा, कोर्ट का सील करने का आदेश
सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के तालाब में शिवलिंग मिलने के दावों के बीच वाराणसी कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में इस संंबंध में अपील दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि अभी के लिए तालाब का इस्तेमाल नहीं किया जाए। जिलाधिकारी ने तालाब में शिवलिंग मिलने के दावों की पुष्टि नहीं की है।
क्या है शिवलिंग मिलने का पूरा मामला?
वाराणसी कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे करने का आदेश दिया था जो आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच पूरा हो गया। सर्वे के बाद एक हिंदू महिला याचिकाकर्ता के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने दावा किया कि मस्जिद में स्थित तालाब को खाली किया गया तो इसमें शिवलिंग मिली। उन्होंने बताया कि इस तालाब को इस्लामिक शुद्धिकरण अनुष्ठान 'वजू' के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
क्यों किया गया ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे?
दिल्ली की पांच महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि मस्जिद में मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन, पूजा और भोग की इजाजत साल भर मिलनी चाहिए। उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद कुएं में शिवलिंग होने का दावा भी किया और मूर्तियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सर्वे की मांग की। अपने फैसले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था।
मस्जिद समिति के विरोध के कारण एक बार बंद करना पड़ा था सर्वे
पहले कोर्ट के आदेश पर 6 मई को सर्वे शुरू किया गया था, लेकिन अगले ही दिन वीडियोग्राफी और मस्जिद में प्रवेश को लेकर मस्जिद समिति के विरोध के कारण इसे बंद करना पड़ा। इसके बाद 12 मई को मामले में फिर से सुनवाई हुई और कोर्ट ने वीडियो सर्वे जारी रखने का आदेश जारी किया। उसने 17 मई तक सर्वे करने का निर्दश दिया था, हालांकि सर्वे को एक दिन पहले ही पूरा कर लिया गया है।
तीन गुंबद, अंडरग्राउंस बेसमेंट्स और तालाब का किया गया सर्वे
सरकारी वकील महेंद्र प्रसाद पांडे ने NDTV को बताया कि सर्वे के दौरान तीन गुंबदों, अंडरग्राउंड बेसमेंट्स और तालाब का सर्वे किया गया और कल इसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट तैयार नहीं हुई तो कोर्ट से समय मांगा जाएगा।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का सदियों पुराना विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है। पिछले तीन दशक में ये विवाद कई बार सुर्खियों में रह चुका है।