ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से संबंधित मामले पर तत्काल सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
वकील हुजेफा अहमदी ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा है कि मस्जिद के वीडियो सर्वे का वाराणसी कोर्ट का आदेश पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई करने को तैयार हो गया है, लेकिन उसने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
मामला
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे का मामला?
दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी की एक कोर्ट ने 9 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का निरीक्षण और वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था।
पिछले शुक्रवार को ये सर्वे शुरू किया गया, लेकिन अगले ही दिन वीडियोग्राफी और मस्जिद में प्रवेश को लेकर मस्जिद समिति के विरोध के कारण इसे बंद करना पड़ा।
कल मामले में फिर से सुनवाई हुई और कोर्ट ने वीडियो सर्वे जारी रखने का आदेश जारी किया।
मांग
याचिका में क्या मांगें की गई थीं?
दिल्ली की पांच महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में दायर अपनी याचिका मांग की थी कि मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन, पूजा और भोग की इजाजत साल भर मिलनी चाहिए।
अभी साल में केवल एक बार दर्शन की इजाजत है। उन्होंने मस्जिद के परिसर में मौजूद कुएं में शिवलिंग होने का दावा भी किया और मूर्तियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की मांग की।
जानकारी
कल से शुरू होगा सर्वे
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा है कि मस्जिद का सर्वे कल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह सभी पक्षों से मिल चुके हैं और उनसे शांति कायम रखने की अपील की है।
सर्वे
ओवैसी ने किया सर्वे का विरोध
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस सर्वे का विरोध किया है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश पूजा स्थल अधिनियम, 1991 और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार को इन लोगों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज करनी चाहिए।
ओवैसी ने ये भी कहा कि वो एक बाबरी मस्जिद खो चुके हैं और एक और मस्जिद नहीं खोना चाहते।
विवाद
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का सदियों पुराना विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बना हुआ है।
दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है। पिछले तीन दशक में ये विवाद कई बार सुर्खियों में रह चुका है।