कोरोना वायरस वैक्सीन: 50 लाख खुराक खरीदेगी भारत सरकार, सेना और स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाएंगी
क्या है खबर?
केंद्र सरकार शुरुआती ऑर्डर में कोरोना वायरस वैक्सीन की 50 लाख खुराक खरीदने की योजना बना रही है।
ये खुराक अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों, सेना के जवानों और कुछ दूसरे क्षेत्रों के लोगों को दी जाएंगी।
पिछले कुछ समय से सरकार के भीतर इस पर विचार चल रहा है कि कोरोना वायरस की प्रभावी वैक्सीन आने पर सबसे पहले इसे किन लोगों को इसकी खुराक दी जाएगी।
उसी कड़ी में यह योजना बनाई जा रही है।
जानकारी
वैक्सीन के मोर्च पर क्या खबर है?
दुनियाभर में 29 संभावित वैक्सीन इंसानी ट्रायल के 1/2 चरण में पहुंच चुकी है। वहीं छह ऐसी हैं, जिनके ट्रायल का अंतिम चरण जारी है। कुछ ही महीनों में इनके नतीजे सामने आने की उम्मीद है। इनमें से कुछ का उत्पादन भारत में होगा।
कोरोना वैक्सीन
आपूर्ति और वितरण को लेकर भी बन रही योजना
कई संभावित वैक्सीन्स के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद से ही सरकार इनकी आपूर्ति और वितरण पर भी विचार करने में जुटी है।
इसके लिए अधिकार प्राप्त समिति की बैठकें भी हो चुकी है।
सरकार सबसे पहले अग्रिम मोर्चे पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस और सेना के जवानों को वैक्सीन की खुराक देगी।
इसके साथ-साथ ही वितरण का दायरा भी बढ़ाया जाएगा ताकि कम से कम समय में यह अधिक लोगों तक पहुंच सके।
जानकारी
कंपनियों ने सरकार से मांगी अनुमानित संख्या की जानकारी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घरेलू वैक्सीन उत्पादक कंपनियों ने सरकार से खुराकों की अनुमानित संख्या के बारे में पूछा है। सरकार की तरफ से उन्हें कहा गया है कि उसे बड़े स्तर पर खुराक की जरूरत होगी।
कोरोना वैक्सीन
सोमवार को हुई अहम बैठक
सोमवार को देश में कोरोना वायरस वैक्सीन प्रशासन पर बनी विशेषज्ञ समिति की वैक्सीन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई थी।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल की अध्यक्षता वाली समिति ने कंपनियों से उनकी उत्पादन क्षमता और खुराक की अनुमानित लागत के बारे में जानकारी ली है।
साथ ही समिति ने कंपनियों से इस बात के भी सुझाव देने को कहा है कि सरकार किस प्रकार उनकी मदद कर सकती है।
वैक्सीन उत्पादन
कंपनियों की मदद के रास्ते तलाश रही सरकार
एक अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञ समिति आर्थिक मदद समेत कई तरीकों से कंपनियों की मदद करने के रास्ते तलाश रही है।
उन्होंने कहा कि यह बातचीत अभी तक शुरुआती दौर में हैं और आगे ऐसी कई बैठकें होंगी।
वहीं एक घरेलू कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन की प्रक्रिया में भारी निवेश की जरूरत होती है। इसलिए सरकार से अनुमानित मांग की जानकारी मांगी गई है ताकि उसी हिसाब से उत्पादन किया जा सके।
इंसानी ट्रायल
भारत में तीन संभावित वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरणों में
फिलहाल देश में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रेजेनेका, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की संभावित वैक्सीन्स के ट्रायल चल रहे हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कोविशील्ड बाकी दोनों से आगे हैं।
शुरुआती चरणों में इसने उम्मीद जगाने वाली नतीजे दिए थे और फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भारत में इसके तीसरे चरण के ट्रायल कर रहा है।
अगर यह ट्रायल में सफल रहती है तो भारत में सबसे पहले इसे ही नियामकीय मंजूरी मिलने की उम्मीद है।