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कोरोना वायरस: हरियाणा में शुरू हुआ पहली स्वदेशी संभावित वैक्सीन का इंसानी ट्रायल

कोरोना वायरस: हरियाणा में शुरू हुआ पहली स्वदेशी संभावित वैक्सीन का इंसानी ट्रायल

Jul 17, 2020
05:10 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस की पहली स्वदेशी वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' का इंसानी ट्रायल PGI रोहतक में भी शुरू हो गया है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जानकारी दी कि तीन लोगों पर इसका ट्रायल शुरू किया गया है। अब तक सब कुछ उम्मीद के मुताबिक चल रहा है। तीन दिन पहले पटना स्थित AIIMS में इस वैक्सीन का इंसानी ट्रायल शुरू हुआ था। आइये, पूरी खबर जानते हैं।

वैक्सीन

NIV के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने तैयार की है कोवैक्सिन

भारत बायोटेक ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर कोवैक्सिन तैयार की है। NIV ने मई में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज से वायरस का स्ट्रेन आइसोलेट किया और इसे BBIL को भेजा। उसके बाद कंपनी ने इसका इस्तेमाल करते हुए हैदराबाद में 'इनएक्टिवेटेड' वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया। इंसानी ट्रायल के लिए मंजूरी लेने से पहले कंपनी ने चूहों और दूसरे जानवरों पर इसका ट्रायल किया था।

जानकारी

ट्रायल के लिए लगभग 100 लोगों ने कराया रजिस्टर

पिछले 10 दिनों में रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (PGIMS) में लगभ 100 लोगों ने ट्रायल के लिए खुद को रजिस्टर कराया है। बता दें कि इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए अलग-अलग शहरों के अस्पताल चुने गए हैं।

वैक्सीन

1,100 से ज्यादा लोगों पर होगा ट्रायल

भारत बायोटेक ने बीती 1 जुलाई को दोनों चरणों के लिए वैक्सीन को रजिस्टर किया था। जानकारी के मुताबिक, कंपनी दोनों चरणों में 1,125 लोगों पर इसका ट्रायल करेगी और 13 जुलाई से इसके लिए वॉलेंटियर का चयन शुरू हो गया। कंपनी का मानना है कि उसे ट्रायल में एक साल और तीन महीने का समय लगेगा। पहले चरण में ही कम से कम एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट DGCI के पास भेजी जाएगी।

वैक्सीन

ट्रायल पूरा होने में लगता है महीनों से सालों का समय

आमतौर पर किसी भी वैक्सीन के ट्रायल में महीनों से लेकर सालों तक का समय लगता है। पहले दो चरणों में कामयाब रहने के बाद ट्रायल का तीसरा चरण आता है। इसमें वॉलेंटियर को वैक्सीन के इंजेक्शन लगाकर महामारी के प्रति उनके शरीर की प्रतिक्रिया को देखा जाता है। इसके बाद सभी आंकड़ों का विश्लेषण और सत्यापन होता है, जिन्हें पीयर रिव्यू के बाद किसी जर्नल में प्रकाशित किया जाता है। तब जाकर वैक्सीन को हरी झंडी मिलती है।

विवाद

वैक्सीन की लॉन्चिंग के समय को लेकर हुआ था विवाद

भारत बायोटेक की इस वैक्सीन की लॉन्चिंग को लेकर भी विवाद हुआ था। दरअसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) इस वैक्सीन को 15 अगस्त को लॉन्च करना चाहता था। इसके लिए उसने सभी प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक करने को कहा था। इसे लेकर ICMR को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी वैक्सीन इतने कम समय में तैयार नहीं हो सकती। यह पूरा विवाद आप यहां टैप कर पढ़ सकते हैं।

जानकारी

दूसरी वैक्सीन का इंसानी ट्रायल भी शुरू

इसी बीच अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी जाइडस कैडिला की संभावित वैक्सीन के इंसानी ट्रायल शुरू हो गए हैं। नियामक से मंजूरी मिलने के बाद 15 जुलाई से इसके ट्रायल शुरू हुए हैं।

कोरोना वायरस

देश में 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

दूसरी तरफ देखें तो देश में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार रिकॉर्ड संख्या में नए मरीज मिल रहे हैं। शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों लोगों की संख्या 10 लाख पार कर गई है। देश में अब तक 10,03,832 लोगों को वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 25,602 की मौत हुई है। देश में बीते दिन रिकॉर्ड 34,956 नए मामले सामने आए।