केंद्र का राज्यों को आदेश, प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने के लिए सील करें सीमाएं
लॉकडाउन के बावजूद प्रवासी मजदूरों के एक राज्य से दूसरे राज्य पलायन करने के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को उनकी सीमाएं प्रभावी तरीके से सील करने का आदेश दिया है। अपने आदेश में केंद्र सरकार ने लोगों का आवागमन पूरी तरह बंद करने और केवल माल को आने-जाने देने की इजाजत देने को कहा है। इसके अलावा लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखने को भी कहा है।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद घरों को लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर
कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलना है। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद शहरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने गांवों की तरफ पलायन शुरू कर दिया। भूखे पेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाते इन मजदूरों की तस्वीरें सामने आने के बाद लॉकडाउन की तैयारी न होने को लेकर सवाल उठने लगे।
मजदूरों के पलायन से कोरोना फैलने का खतरा, केंद्र ने दिया सीमाएं सील करने का आदेश
गांवों में वापस जा रहे इन प्रवासी मजदूरों के जरिए वहां भी कोरोना वायरस फैलने की आशंका बनी हुई है और इससे लॉकडाउन का मकसद फेल होने का खतरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए रविवार को केंद्र सरकार ने राज्यों को लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्देश जारी किए। सराकर ने राज्यों और जिलों की सीमाओं को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा है ताकि लोगों का आवागमन बंद हो।
14 दिन क्वारंटाइन कैंपों में रखे जाएंगे प्रवासी मजदूर
केंद्र सरकार ने राज्यों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को सरकारी क्वारंटाइन कैंपों में कम से कम 14 दिन क्वारंटाइन करने का निर्देश भी दिया है। सरकार ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन जरूरी है और ये सबके हित में है।
छात्रों और मजदूरों से मकान खाली कराने पर होगी कार्रवाई
केंद्र ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों समेत गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उनके काम की जगह पर आश्रय और खाने का उचित बंदोबस्त करने का निर्देश भी दिया गया है। उनसे लॉकडाउन के दौरान बिना किसी के कटौती के मजदूरों के वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों से घर का किराया नहीं मांगने और छात्रों और मजदूरों से मकान खाली कराने वालों पर कार्रवाई की बात भी कही गई है।
1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है केंद्र सरकार
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद के लिए अपनी तरफ से 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा भी कर चुकी है। इसके तहत बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारकों और जनधन खाताधारक महिलाओं के बैंक अकाउंट में एक निर्धारित राशि भेजी जाएगी। अगले तीन महीनों तक गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल और एक किलो दाल और आठ करोड़ परिवारों को LPG सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा भी की गई है।
भारत में 979 मामले, 25 की मौत
गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है और अब तक 979 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 25 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक छह लोगों की मौत हुई है जबकि गुजरात में चार और कर्नाटक में तीन लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। सबसे अधिक 186 मामले भी महाराष्ट्र में सामने आए हैं।