कोरोना वायरस: दूसरे देशों की मदद करने पर UN प्रमुख ने भारत को किया सलाम
संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में दूसरों की मदद करने वाले देशों को सलाम किया है। उनकी यह प्रतिक्रिया भारत के अमेरिका समेत कई देशों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन भेजने के बाद आई है। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ लड़ाई में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को 'गेम चेंजर' बता चुके हैं। भारत इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है और यहां से कई देशों में यह दवा भेजी गई है।
वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता की जरूरत- UN प्रमुख
शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने गुटरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक से भारत द्वारा दूसरे देशों को दी जा रही मदद पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, "महासचिव इस खतरनाक वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता का आह्वान करते हैं। इसका मतलब है कि जो देश दूसरों की मदद कर सकते हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए और हम ऐसा करने वाले सभी देशों को सलाम करते हैं।"
100 से ज्यादा देशों को दवा भेज रहा भारत
महामारी के खिलाफ जंग में मदद के तौर पर भारत 100 से ज्यादा देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की 8.5 करोड़ गोलियां भेजने जा रहा है। इनमें से कुछ खेप पहुंचाई जा चुकी हैं, वहीं कई को पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दशकों से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जा रही है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह दवा कोरोना वायरस के इलाज में कारगर है, लेकिन फिर भी भारत समेत कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी जरूरत को देखते हुए भारत ने पिछले महीने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी, लेकिन अन्य देशों से मांग आने पर इसका निर्यात शुरू किया गया।
भारत निर्यात करेगा 8.5 करोड़ गोलियां
भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को अपनी 'सॉफ्ट पॉवर' के तौर पर भी इस्तेमाल कर रहा है। भारत 100 से ज्यादा देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरिक्विन की 8.5 करोड़ गोलियां और पेरासिटामॉल की 50 करोड़ गोलियां भेज रहा है। भारत अब तक अमेरिका, ब्राजील, रूस, यूनाइडेट किंगडम (UK), फ्रांस और स्पेन सहित 24 देशों को कमर्शियल कॉन्ट्रेंट के तहत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां भेज चुका है। इसके अलावा इटली समेत 52 देशों को पेरासिटामॉल भेजी गई है।
इन देशों को दवा भेज रहा भारत
भारत ने सबसे पहले उन देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा भेजी जो कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित थे। भारत अपने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका, म्यांमार के अलावा जाम्बिया, मेडागास्कर, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कोंगो, इजिप्ट, अर्मेनिया, कजाकस्तान, इक्वाडोर, जमैका, सीरिया, यूक्रेन, चाड, जिम्बाबवे, फ्रांस, जॉर्डन, केन्या, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान और पेरु आदि देशों को दवा भेज रहा है। इनमें से कुछ में दवाएं पहुंच चुकी हैं और कुछ में जल्द ही पहुंच जाएंगी।