भारत के चीन से आयात में आई 13 प्रतिशत की कमी, 16 प्रतिशत बढ़ा निर्यात
लद्दाख में चीनी सेना से हुए विवाद के बाद भारत में चली चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम का असर दिखने लगा है। साल 2020 के शुरुआती 11 महीनों में भारत के चीन से किए जाने वाले आयात में 13 प्रतिशत की कमी आई है। इसके उलट कोरोना महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी के बीच भारत से चीन को होने वाले निर्यात में 16 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है।
भारत ने 11 महीनों में किया 59 बिलियन डॉलर का आयात
सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत ने जनवरी से नवंबर 2020 तक चीन से कुल 59 बिलियन डॉलर की कीमत के सामान का आयात किया है। यह पिछले साल इस अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत कम है। हालांकि, अक्टूबर तक चीन से आयात में 16.2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी, लेकिन नवंबर में आयात बढ़ने के कारण यह गिरावट कम होकर 13 प्रतिशत पर आ गई है। भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
भारत ने चीन से इन उत्पादों को किया आयात
चीन में भारतीय दूतावास के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत ने इस साल चीन से सबसे अधिक मात्रा में चीनी कार्बनिक रसायन, उर्वरक, एंटीबायोटिक्स और एल्यूमीनियम फॉयल पेपर का आयात किया है। भारत में इनकी कमी होना प्रमुख कारण रहा है।
भारत ने चीन को किया 19 बिलियन डॉलर के उत्पादों का निर्यात
सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत ने जनवरी से नवंबर 2020 तक चीन से कुल 19 बिलियन डॉलर की कीमत के सामान का निर्यात किया है। यह पिछले साल इस अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। भारतीय दूतावास के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में चीन ने भारत से कार्बनिक रसायन, लौह अयस्कों, कच्चे हीरे, मछली, कपास, ग्रेनाइट पत्थर आदि का आयात किया है। महामारी के दौर में भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
भारत से एक लाख टन टूटे चावल खरीदेगा चीन
बता दें कि लगभग तीन दशकों में पहली बार चीन ने भारत से चावल आयात करना शुरू किया है। आपूर्ति में आ रही कमी और भारत की तरफ से बेहद सस्ते दामों में चावल की पेशकश के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। चीन ने भारतीय व्यापारियों से दिसंबर-फरवरी के लदान में 300 डॉलर (लगभग 22,000 रुपये) प्रति टन के हिसाब से 1,00,000 टन टूटे चावल के आयात का अनुबंध किया है। इससे पहले चीन चावल नहीं खरीदता था।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के आयात में बढ़ोतरी का यह बताया कारण
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में लिखा है कि चीन ने भारत के साथ लद्दाख में हुए सीमा विवाद का राजनीतिकरण नहीं किया है। इसके कारण भारत से चीन के आयात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके उलट भारत सरकार ने सीमा विवाद का राजनीतिकरण कर चीनी निर्यात पर अंकुश लगा दिया। इसके चलते चीन से भारत के आयात में कमी दर्ज की गई है। भारत में चीनी उत्पादों की मांग में कमी भी बड़ा कारण रही है।
साल 2019 में भारत-चीन के व्यापार में पहली बार आई थी कमी
बता दें कि भारत और चीन के बीच व्यापार में साल 2019 में एक दशक में पहली बार दो प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। उस दौरान भारत ने चीन से 56.95 बिलियन डॉलर का आयात किया था। इस साल दोनों देशों के बीच कुल 92.89 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। 2019 में भारत अमेरिका, जापान, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, मलेशिया, ब्राजील और रूस के बाद भारत चीन का 12वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था।
सीमा विवाद से भारत-चीन के रिश्तों में आई तल्खी
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन की सेनाओं के बीच चल रहे विवाद के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है। भारत ने 250 से अधिक चाइनीच ऐप्स को बैन कर उसे बड़ा झटका दिया है। इसके अलावा देश में चाइनीज सामानों के बहिष्कार की मुहिम भी चल रही है। दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए कमांडर स्तर की आठ बैठके हो चुकी है, लेकिन अभी तक स्थाई समाधान नहीं निकला है।