
पिछले NPR से कैसे अलग है इस बार का NPR और क्यों है इस पर विवाद?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई है।
इस बार NPR के तहत लोगों से 21 जानकारियां मांगी जाएंगी। इनमें से कई ऐसी जानकारियां हैं जो 2010 में पिछली बार हुई इस प्रक्रिया में नहीं मांगी गई थी। ऐसी ही एक माता-पिता, दोनों के जन्मदिन और जन्मस्थान की जानकारी है।
आइये, जानते हैं कि इस बार NPR में नागरिकों से क्या-क्या नई जानकारियां मांगी जाएगी।
जानकारी
सबसे पहले समझिये, NPR क्या है?
NPR देश में रह रहे स्थानीय निवासियों की एक सूची है। यहां सामान्य नागरिकों से मतलब ऐसे लोगों से हैं जो किसी इलाके में कम से कम छह महीने से रह रहे हैं या जो किसी इलाके में अगले छह महीने तक रहने वाले हैं।
NPR
NPR चर्चा में क्यों है?
NPR के चर्चा में होने के दो कारण हैं। पहला कि इसे अपडेट करने की हाल ही में मंजूरी मिली है और दूसरा कि इसे राष्ट्रीय नागरिक सूची (NRC) से जोड़कर देखा जा रहा है।
कुछ लोगों का कहना है कि NRC की तैयारी के लिए इसे अपडेट किया जा रहा है।
हालांकि, सरकार NPR और NRC को अलग-अलग बता चुकी है, लेकिन कुछ ऐसे बिंदु हैं, जिनके आधार पर सरकार के दावे पर संदेह होता है।
डर
NPR को लेकर क्या डर जता रहे हैं लोग?
नागरिकता संशोधन कानून के मुताबिक, 1987 के बाद से भारत में जन्मे व्यक्ति के माता-पिता में से एक का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
कुछ लोगों का कहना है कि NPR में माता-पिता, दोनों के जन्मस्थान और जन्मदिन की जानकारी मांगी गई है, जो NRC के लिए आवश्यक है।
यह बता देना जरूरी है कि गृह मंत्री अमित शाह कई बार देशभर में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं।
अंतर
पुराने NPR से कैसे अलग होगा नया NPR?
NPR की शुरुआत 2010 में हुई थी। तब इसमें लोगों से 15 जानकारियां मांगी गई। इसे 2015 में अपडेट किया गया था।
इस बार NPR में 21 जानकारियां मांगी गई है। जो छह नए बिंदु जुड़े हैं, उनमें पिछला पता, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, मतदाता पहचान पत्र नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
2010 में ये जानकारियां नहीं जुटाई गई थी। परिजनों के नाम को पति/पत्नी के नाम के कॉलम में शामिल किया गया है।
सरकार का पक्ष
अमित शाह बोले- NPR और NRC अलग-अलग
मंगलवार को समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने NPR और NRC को अलग-अलग बताया था।
उन्होंने कहा था, "ये अफवाहें हैं कि NPR का इस्तेमाल NRC के लिए होगा। मुस्लिम भाई किसी भ्रम में न आएं।"
शाह ने कहा था कि NPR से किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली और इसका NRC से कोई नाता नहीं है। NPR का इस्तेमाल लोगों के लिए योजनाएं बनाने में किया जाएगा।
विवाद
NRC का ही भाग है NPR- रिपोर्ट
अमित शाह ने बेशक मंंगलवार को NPR और NRC को अलग-अलग बताया, लेकिन उनकी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में संसद में नौ बार ये जानकारी दी थी कि NRC को NPR डाटा के आधार पर बनाया जाएगा।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'NPR नागरिकता कानून के प्रावधानों के तहत भारतीय लोगों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRIC) बनाने की दिशा में पहला कदम है।'