कोरोना: डेल्टा वेरिएंट से सुरक्षा के लिए कम अंतराल पर लगें वैक्सीन की दोनों खुराकें- अध्ययन
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) से सुरक्षा के लिए कम अंतराल पर वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवाना जरूरी है। मशहूर मेडिकल पत्रिका द लान्सेट में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में बताया गया है कि एक खुराक ले चुके लोगों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कम एंटीबॉडीज बनती हैं और खुराकों के बीच अंतराल बढ़ने से इनकी संख्या काफी कम हो जाती है।
नए वेरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी है फाइजर वैक्सीन- अध्ययन
अध्ययन में सामने आया है कि फाइजर की वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ शुरुआती वेरिएंट की तुलना में कम प्रभावी है। शुरुआती वेरिएंट के खिलाफ फाइजर की एक खुराक से 79 प्रतिशत लोगों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज बन जाती थी, लेकिन नए वेरिएंट्स के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है। फाइजर वैक्सीन की एक खुराक अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 50 प्रतिशत और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 32 प्रतिशत लोगों में ही पर्याप्त एंटीबॉडीज बना रही है।
"जल्द दी जाए वैक्सीन की दूसरी खुराक"
शोधकर्ताओं का कहना है वैक्सीन के जरिये मिलने वाली सुरक्षा कम से कम इतनी होनी चाहिए कि अधिक से अधिक लोगों को बीमार पड़कर अस्पताल में भर्ती होने से बचाया जा सके। संक्रामक बीमारियों की विशेषज्ञ एम्मा वॉल ने कहा कि यह अध्ययन दिखाता है कि लोगों को बीमार पड़ने से बचाने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाई जाए और नए वेरिएंट्स के खिलाफ जिनकी इम्युनिटी कमजोर है उन्हें वैक्सीन की तीसरी खुराक दी जाए।
अंतराल कम करने पर विचार कर रहा ब्रिटेन
फाइजर वैक्सीन की एक खुराक से नए वेरिएंट के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडीज न बनने की खबरों की बीच ब्रिटेन दोनों खुराकों का अंतराल कम करने पर विचार कर रहा है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य संस्था पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा कि अब डेल्टा वेरिएंट यहां प्रमुखता से फैल रहा है और शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
भारत में बढ़ा है दोनों खुराकों के बीच अंतराल
द लान्सेट में प्रकाशित अध्ययन वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच समय कम करने की बात कहता है, वहीं भारत सरकार ने पिछले महीने ही कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल में इजाफा किया था। शुुरुआत में 28 दिनों के अंतराल पर कोविशील्ड की खुराकें दी जा रही थीं, जिसे बाद में बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह किया गया और पिछले महीने इस अंतराल को और बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया गया था।
चिंता पैदा कर रहे वायरस के नए स्ट्रेन
पिछले कुछ समय से अलग-अलग देशों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स मिल रहे हैं, जो दुनिया की चिंता बढ़ा रहे हैं। अब तक ब्राजील, ब्रिटेन, भारत, दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम आदि देशों में नए वेरिएंट मिले हैं, जो शुरुआती स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हैं। भारत में दूसरी लहर का सबसे बड़ा कारण अक्टूबर में मिला डेल्टा वेरिएंट है। वहीं वियतनाम में मिला वेरिएंट हवा के जरिये कोरोना फैला सकता है।