उत्तर प्रदेश सरकार ने दिए राज्य में जारी सभी किसान आंदोलनों को खत्म कराने के आदेश
क्या है खबर?
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर सवाल उठ रहे हैं।
आमजन भी आंदोलन के खिलाफ होते नजर आ रहा है तो सरकार और पुलिस भी एक्शन में है।
ANI के अनुसार, अब उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को राज्य में जारी सभी किसान आंदोलनों को खत्म कराने के आदेश दिए हैं। वहीं, एक अन्य किसान संगठन ने धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया।
कार्रवाई
गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात किया भारी पुलिस बल
जिला कलेक्टर के आदेश को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस, PAC और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। कलेक्टर अजय शंकर पांडेय और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच गए हैं।
इसी तरह पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने गाजियाबाद लिंक रोड स्थित किसानों के टेंटों को भी हटाना शुरू कर दिया है। इससे किसान आशंकित दिख रहे हैं।
प्रशासन ने बॉर्डर पर पानी सप्लाई बंद करने के साथ शौचालयों को भी हटवा दिया है।
अल्टीमेटम
पुलिस ने किसानों को दिया गाजीपुर बॉर्डर छोड़ने का अल्टीमेटम
गाीजपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद शाम को जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला और किसानों को शाम तक बॉर्डर छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया। अनुमान है कि धरना देर रात तक खत्म हो जाएगा।
इसके साथ ही यूपी गेट पर भी हलचल तेज हो गई है। धरनास्थल के आसपास पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तादाद बढ़ाकर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। किसानों से वापस घर लौटने की अपील की जा रही है।
जानकारी
बागपत में भी पुलिस ने खत्म करवाया धरना
बागपत के बड़ौत में 40 दिन से दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने बुधवार रात को हटा दिया। पुलिस ने इसके लिए लाठीचार्ज का भी सहारा लिया और उनके टेंट उखाड़ दिए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें बागपत में धरना हटाए जाने का वीडियो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
उप्र में रात में किसानों पर लाठी चार्ज व उनकी बिजली काटने की ख़बर आई है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 28, 2021
जिस प्रकार भाजपा सरकार अपनी चालों से भोलेभाले किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है और जिस तरह भाजपाई षडयंत्रों का पर्दाफ़ाश हो रहा है उससे आम जनता की सहानुभूति किसान आंदोलन के साथ और भी बढ़ गयी है. pic.twitter.com/WZgTRNjnYy
ऐलान
एक और किसान संगठनों ने किया आंदोलन खत्म करने का ऐलान
26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने भी आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी है।
इसी तरह किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने स्थिति का आंकलन करने के बाद आंदोलन की बात कही है।
उन्होंने कहा कि वह 21 जनवरी को ही संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हो गए थे, लेकिन विरोध का समर्थन कर थे। अब उन्होंने शाहजहांपुर बॉर्डर से धरना खत्म करने का निर्णय किया है।
बयान
विचार से खत्म होगी लड़ाई, लाठी-डंडों से नहीं- टिकैत
पुलिस के अल्टीमेटम से पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार आंदोलन को खत्म करना चाहती है तो हमें गिरफ्तार करें। ट्रैक्टर रैली में हिंसा करने वालों से हमारा कोई संबंध नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "लाल किले की घटना के नाम पर आंदोलन को खत्म करने की साजिश रची गई है। यह वैचारिक लड़ाई और वैचारिक क्रांति है। यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी और डंडों से नहीं।"
ऐलान
नहीं करेंगे सरेंडर, जारी रहेगा धरना- टिकैत
टिकैत ने कहा कि वह सरेंडर नहीं करेंगे और उनका धरना जारी रहेगा। लाल किले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए।
उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरना स्थल पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है। गाजीपुर बॉर्डर पर अब तक कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह ठीक नहीं है।
सिंघुुु बॉर्डर
सिंघु बॉर्डर पर भी तैनात किया भारी पुलिस बल
गाजीपुर बॉर्डर के साथ ही दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इतना ही दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर की ओर जाने वाले रास्ते को बेरिकेडिंग और JCB मशीन लगाकर ब्लॉक कर दिया है।
पुलिस यहां किसानों को बॉर्डर को खाली कराने की तैयारी में जुटी है। इससे पहले दोपहर में स्थानीय लोगों ने मार्च निकालकर आंदोलन का विरोध किया था और बॉर्डर खाली करने की मांग की थी।
जानकारी
दिल्ली क्राइम ब्रांच करेगी हिंसा की जांच
इधर, दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी पर हुई हिंसा के मामले में अब तक दर्ज की गई 26 FIR में से नौ क्राइम ब्रांच में भेज दिया है। ऐसे में अब इन नौ गंभीर मामलों की जांच क्राइम ब्रांच के साथ स्पेशल सेल भी करेगी।
पृष्ठभूमि
ट्रैक्टर रैली में किसानों के तय रास्ते से हटने के बाद हुई थी हिंसा
किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बुलाई ट्रैक्टर परेड में एक धड़ा शुरूआत में ही तय रास्ते से हट गया और ITO होते हुए लाल किले की तरफ निकल गया।
इस दौरान उनकी ITO और लाल किला सहित मुकरबा चौक, गाजीपुर, ITO, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई।
इसमें कम से कम 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।