उत्तर प्रदेश: किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे अखिलेश यादव, पुलिस ने हिरासत में लिया
कृषि कानूनों सहित अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कन्नौज में होने वाली 'किसान यात्रा' के लिए लखनऊ स्थित अपने घर से निकले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उनके साथ सपा के कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया है। इससे सपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। दूसरी ओर किसान यात्रा के समर्थन में कन्नोज में पहुंचे कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
समाजवादी पार्टी ने किया था 'किसान यात्रा' का आह्वान
बता दें कि समाजवादी पार्टी प्रमुख यादव ने रविवार को नए कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में सोमवार को पैदल, साइकिल, बाइक और टै्रक्टर से प्रदेशव्यापी 'किसान यात्रा' निकालने का आह्वान किया था। उन्होंने सुबह ट्वीट कर प्रदेश के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से विरोध रैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील भी की थी। इसके बाद सरकार और पुलिस ने विरोध रैली को रोकने की तैयारियां शुरू कर दी थी।
पुलिस ने अखिलेश यादव को घर के बाहर रोका
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार अखिलेश यादव सुबह कन्नौज में होने वाली 'किसान यात्रा' में शामिल होने के लिए लखनऊ स्थित अपने घर से निकले थे। उसी दौरान पुलिस ने उनके आवास के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इससे नाराज अखिलेश यादव सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाकर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। मौके पर सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ती देखकर पुलिस ने अखिलेश यादव और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
यहा देखें अखिलेश यादव की गिरफ्तारी का वीडियो
हिरासत में लेने पर यादव ने सरकार पर साधा निशाना
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद यादव ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने शायरी के रूप में लिखा, 'जहां तक जाती नजर वहां तक लोग तेरे खिलाफ हैं, ऐ ज़ुल्मी हाकिम तू किस-किस को नजबंद करेगा!' इसी तरह उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता प्रदेश के कई जिलों में गिरफ्तारियां दे रहे हैं, लेकिन अब कन्नौज नहीं जाने दिया जा रहा है। अगर इन्हें जेल में डालना है, तो ये उन्हें भी जेल में डाल सकते हैं।
सपा ने की पुलिस कार्रवाई की निंदा
मामले में समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव को रोके जाने को लेकर सरकार की निंदा की है। पार्टी ने ट्वीट कर लिखा, 'अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक समाजवादी पार्टी और उसके कायर्कता संघर्षरत रहेंगे। 'किसान यात्रा' को रोकने के लिए दमन की हर सीमा पार कर रही है सत्ता। किसानों की आवाज बुलंद करने निकले राष्ट्रीय अध्यक्ष को असंवैधानिक तरीके से मुख्यमंत्री के आदेश पर रोका जाना घोर निंदनीय!'
अखिलेश यादव के सड़क पर उतरने से डरती है सरकार- चौधरी
मामले में समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'यह सरकार अखिलेश जी के सड़कों पर जाने से बहुत डरती है। उन्हें किसानों के विरोध में भाग लेने के लिए वहां जाना पड़ा है और किसानों के साथ ट्रैक्टर चलाने के लिए अपना मुद्दा उठाना पड़ा है।' उन्होंने आगे लिखा, 'पहले केंद्र सरकार ने कानूनों को लागू किया और अब राज्य सरकार उन्हें विरोध करने से रोक रही है। यह अलोकतांत्रिक है।'
यादव ने लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला के लिखा पत्र
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद सपा प्रमुख यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। उन्होंने पत्र में लिखा, 'लोकसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के अलावा, मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपना संवैधानिक कर्तव्य पूरा किया। किसान यात्रा के लिए कन्नौज जाने का उनका कार्यक्रम पहले से निर्धारित है और सारी तैयारियां हो चुकी हैं। इसके बाद भी पुलिस ने मुझे रोक लिया है।'
यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से की हस्तक्षेप की मांग
यादव ने अपने पत्र में लोकसभा अध्यक्ष बिडला से मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की। उन्होंने लिखा, 'पुलिस को पूर्व सूचना देने के बावजूद उन्हें रोका जा रहा है घर में नजरबंद किया गया है। पुलिस उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दे रही है। यह उनके विशेषाधिकार का हनन है इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए और तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।' उन्होंने आगे लिखा, 'लोकसभा अध्यक्ष अपने स्तर से मामले को देखें और सरकार को निर्देश दें।'
किसानों ने मंगलवार सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक किया है 'भारत बंद' का आह्वान
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर से आंदोलनरत किसानों ने मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक शांतिपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है। इसमें किसानों को विभिन्न राजनीतिक दलों सहित कई ट्रांसपोर्ट यूनियनों का समर्थन भी मिला है। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले, जबकि सरकार उनमें संशोधन करने के लिए तैयार है। किसानों ने गत 25 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमा रखा है।