संसद की कैंटीन में अब नहीं मिलेगी सब्सिडी, खाने के लिए चुकाने होंगे इतने रुपये
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने बजट सत्र से पहले बड़ा फैसला करते हुए संसद की कैंटीन में सांसदों को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त कर दिया है।
इससे अब सांसदों को कैंटीन में भोजन के लिए बाजार की कीमत के अनुसार भुगतान करना होगा।
बता दें कि कैंटीन में सांसदों को सब्सिडी पर दिया जाने वाला भोजन सालों से विवाद का विषय रहा है। इसमें सांसदों को बहुत कम कीमत पर खाना मुहैया कराया जाता था।
नई कीमत
नई कीमत के अनुसार 100 रुपये में मिलेगी वेज थाली
संसद की ओर से जारी की गई नई मूल्य सूची के अनुसार अब सांसदों को खाने के लिए बाजार भाव का भुगतान करना होगा।
इसके तहत अब हैदराबादी मटन बिरयानी 65 की जगह 150 रुपये में मिलेगी। इसी तरह एक चपाती के लिए दो की जगह तीन रुपये चुकाने होंगे।
समोसे के लिए 10 रुपये, दाल तड़का 20 रुपये, आचार-खिचड़ी 50 रुपये, वेज थाली 100 रुपये और वेज बुफे 500 तथा नॉनवेज बुफे के लिए 700 रुपये चुकाने होंगे।
पुरानी कीमत
महज 35 रुपये में मिलती थी वेज थाली
बता दें कि एक RTI में सामने आया था कि साल 2017-18 तक संसद की कैंटीन में चिकन करी 50 रुपये में, फ्रूट सलाद 10 रुपये में, वेज थाली 35 रुपये, मसाला डोसा 20 रुपये, ब्रेड बटर छह रुपये, ब्रेड पकौड़ा 14 रुपये और चीज सैंडविच 24 रुपये में मिलता था।
इसी तरह चिकन कटलेट 41 रुपये, चिकन तंदूरी 60 रुपये, कॉफी पांच रुपये, डोसा प्लेन 12 में मिलता था।
यह कीमत केवल सांसदों के लिए थी।
घोषणा
लोकसभा अध्यक्ष ने पिछले सप्ताह की थी सब्सिडी समाप्त करने की घोषणा
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पिछले सप्ताह घोषणा संसद कैंटीन में परोसे जाने वाले भोजन पर मिलने वाली सब्सिडी को जल्द ही समाप्त करने की घोषणा की थी। हालांकि, बिड़ला ने इस कदम के वित्तीय फायदे के बाद में स्पष्ट नहीं किया था।
सूत्रों का हवाला देते हुए, PTI ने बताया था कि सब्सिडी वाले भोजन से लोकसभा सचिवालय सालाना आठ करोड़ रुपये का नुकसान होता था। नई दरें 29 जनवरी से लागू होंगी।
जानकारी
अब भारतीय पर्यटन विकास निगम करेगा कैंटीन का संचालन
आगामी संसद सत्र की जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने यह भी कहा था कि नए सत्र से संसद की कैंटीन का संचालन भारतीय पर्यटन विकास निगम (ITDC) द्वारा किया जाएगा। ITDC पांच सितारा होटल अशोक का संचालन भी करती है।
पृष्ठभूमि
सालों से चली आ रही है सब्सिडी खत्म करने की बात
बता दें कि संसद की कैंटीन में सब्सिडी खत्म करने का मुद्दा कई बाद उठाया जा चुका है। सब्सिडी को खत्म करने के लिए साल 2016 के बाद से कई परिपत्र जारी किए जा चुके हैं।
हालांकि, सब्सिडी को समाप्त करने के लिए पिछला कदम केवल कीमतों में थोड़ा संशोधन करने का रहा है।
साल 2019 में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने घोषणा की थी कि सभी सांसद सर्वसम्मति से कैंटीन सब्सिडी छोड़ने के लिए तैयार हैं।