चारा घोटाला: लालू यादव को बड़ी राहत, डोरंडा कोषागार मामले में भी मिली जमानत
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाई कोर्ट ने चारा घोटाले से संबंधित पांचवें मामले (डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी) में शुक्रवार को जमानत दे दी है। लालू को चार घोटोले के पांच मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें से चार में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी। इस मामले में जमानत मिलने से अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
लालू को डोरंडा कोषागार मामले में फरवरी में सुनाई गई थी सजा
बता दें कि 21 फरवरी को रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने लालू को डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की जेल और 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस मामले में कुल 99 आरोपी बनाए गए थे। कोर्ट ने उनमें से 24 को बरी कर दिया था, जबकि 35 को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
दिल्ली AIIMS में चल रहा है लालू यादव का उपचार
बता दें कि फरवरी को सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें कस्टडी में लेकर रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) भेज दिया गया था। इलाज दौरान उनकी एक किडनी फेल होने पर उन्हें विशेष उपचार के लिए दिल्ली AIIMS भेजा गया था। अभी लालू की हालत स्थिर बताई जा रही है। उनका क्रिटनीन लेवल पांच से ऊपर पहुंच गया है। लालू की बेटी मीसा भारती दिल्ली में अपने पिता की देखरेख कर रही है।
बढ़ती उम्र और बीमारियों के आधार पर लगाई जमानत याचिका
मार्च में लालू ने बढ़ती उम्र और 17 बीमारियों का हवाला देकर जमानत की याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि वह इस मामले में 42 महीने जेल में बिता चुके हैं, जबकि सजा की आधी अवधि 30 माह ही होती है। वह आधी सजा से 11 महीने अधिक जेल में रहे हैं। ऐसे में उन्हें अदालत से जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके आधार पर झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई के सूचीबद्ध किया था।
CBI ने किया था लालू की जमानत याचिका का विरोध
लालू के जमानत याचिका दायर करने के बाद CBI ने विरोध करते हुए जमानत नहीं देने की मांग की थी। CBI ने हाई कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा था कि डोरंडा कोषागार वाले मामले में कोर्ट द्वारा दी गई पांच साल सजा की आधी अवधि लालू ने जेल में नहीं बिताई है। ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने लालू के अब तक जेल में रहने का पूरा रिकॉर्ड मंगवाया था।
हाई कोर्ट ने CBI की दलील खारिज कर दी जमानत
इस मामले में शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने जेल का रिकॉर्ड को देखने के बाद CBI की दलीलों को खारिज कर दिया और लालू को 10 लाख रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत देने के आदेश जारी कर दिए। कोर्ट ने कहा जेल के रिकॉर्ड के अनुसार, लालू ने मामले में आधी सजा पूरी कर ली है और उनकी बढ़ती बीमारियों के कारण उन्हें जमानत दी जा सकती है। इससे लालू के परिवार में खुशी की लहर है।
क्या था चारा घोटाला?
1990 के दशक में हुए चारा घोटाले में पशुपालन विभाग के खजाने से पशुओं के चारे और अन्य चीजों से संबंधित 900 करोड़ अवैध तरीके से निकाले गए थे। उस समय लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे और झारखंड भी तब बिहार में शामिल था।
चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में भी मिली थी सजा
बता दें कि लालू को चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में भी सजा मिल चुकी है। उन्हें चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.13 करोड़ रुपये, देवघर कोषागार से 89.27 करोड़ रुपये और दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का दोषी करार दिया जा चुका है। इन चारों मामलों में उन्हें 14 साल की जेल की सजा हई है। इन मामलों में भी उन्हें जमानत मिल चुकी है। भागलपुर बैंक कोषागार मामले पर सुनवाई जारी है।
RJD नेताओं ने जताई खुशी
लालू को जमानत मिलने से उनके बेटे और RJD नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सहित अन्य नेताओं में खुशी की लहर है। तेजस्वी ने यादव ने शुक्रवार को दावत-ए-इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है। अन्य नेताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया है। RJD नेता राजेश यादव ने कहा कि सत्य की जीत है और आखिरकार लालू प्रसाद विजेता साबित हुए। राष्ट्रीय महासचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि लालू के स्वागत में जनसैलाब उमड़ेगा।