चारा घोटाला: पांचवें मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से संबंधित पांचवें मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। तीन साल से अधिक की इस सजा का मतलब है कि लालू को एक बार फिर से जेल जाना पड़ेगा। वे अभी बाकी के चार मामलों में जमानत पर बाहर हैं। आज सजा का ऐलान करते हुए रांची की एक स्पेशल कोर्ट ने लालू पर 60 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के संबंध में सुनाई गई है लालू को सजा
रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने लालू को जिस मामले में आज सजा सुनाई है, वो डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। 15 फरवरी को कोर्ट ने मामले में लालू को दोषी करार दिया था। दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें कस्टडी में लेकर रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) भेज दिया गया था। आज वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए।
मामले में लालू के अलावा थे 98 आरोपी, 24 को किया गया बरी
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के इस मामले में लालू के अलावा 98 अन्य आरोपी भी थे। इनमें से 24 को कोर्ट ने बरी कर दिया था, वहीं 35 को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जेल की सजा वालों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और लोक लेखा समिति (PAC) के तत्कालीन चेयरमैन ध्रुव भगत भी शामिल हैं। बाकी बचे 39 आरोपियों को आज लालू के साथ जेल की सजा सुनाई गई।
क्या था चारा घोटाला?
1990 के दशक में हुए चारा घोटाले में पशुपालन विभाग के खजाने से पशुओं के चारे और अन्य चीजों से संबंधित पैसों को अवैध तरीके से निकाला गया था। घोटाले के समय लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और झारखंड भी तब बिहार में शामिल था। लालू की देखरेख में ही यह घोटाला हुआ था। ये पूरा घोटाला लगभग 900 करोड़ का बताया जाता है और CBI ने इसकी जांच की है।
चार मामलों में पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं लालू
चारा घोटाले में लालू पर कुल छह मुकदमे दर्ज हुए थे और चार में उन्हें पहले ही दोषी पाया जा चुका है। उन्हें चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.13 करोड़ रुपये, देवघर कोषागार से 89.27 करोड़ रुपये और दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का दोषी करार दिया जा चुका है। इन चारों मामलों में उन्हें 14 साल की जेल की सजा हई है। भागलपुर बैंक कोषागार से निकासी के मामले पर सुनवाई जारी है।
दिसंबर, 2017 से अप्रैल, 2021 तक लालू ने काटी जेल की सजा
CBI कोर्ट के सजा सुनाने के बाद लालू दिसंबर, 2017 से अप्रैल, 2021 तक जेल में बंद रहे। हालांकि अपनी कैद का ज्यादातर समय उन्होंने अस्पताल में ही काटा और वे बीमार रहे। खराब स्वास्थ्य के आधार पर ही उन्हें जमानत मिली हुई है।