कुंभ मेला बना कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट, पांच दिन में 1,700 लोगों को पाया गया संक्रमित
इस समय पूरा देश कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इसी बीच हरिद्वार में चल रहे सबसे बड़े धार्मिक आयोजन 'कुंभ मेला' ने 'कोढ़ में खाज' का काम कर दिया है। 10 अप्रैल से शुरू हुए इस महाकुंभ में महज पांच दिनों में ही 1,701 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। यह मेला महामारी का हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा है और आने वाले समय में बड़े खतरे का कारण बन सकता है।
30 अप्रैल तक चलेगा 'कुंभ मेला'
10 अप्रैल से हरिद्वार में शुरू हुआ यह यह कुंभ मेला 30 अप्रैल तक चलेगा और इसमें करोड़ों लोगों के पवित्र स्नान करने की उम्मीद है। हालांकि, बुधवार को खबर आई थी कि उत्तराखंड सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच कुंभ को तय समय से पहले खत्म करने के लिए विचार किया जा रहा है, लेकिन शाम को अधिकारियों ने स्प्ष्ट कर दिया कि यह निर्धारित समय तक ही चलेगा। इससे संक्रमण के और फैलने का खतरा बढ़ गया है।
पांच दिन में कोरोना संक्रमित पाए गए 1,701 लोग
NDTV के अनुसार कुंभ मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल तक 1,701 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है और इस संख्या के और बढ़ने की संभावना है। हरिद्वारा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी शुभु कुमार झा ने बताया यहां आने वाले अखाड़ा साधुओं और भक्तों का RT-PCR और रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराया जा रहा है। यह पिछले पांच दिन का डाटा है। अभी बहुत सी रिपोर्ट आनी है। ऐसे में यह आंकड़ा 2,000 तक पहुंच सकता है।
670 हेक्टेयर में फैला है कुंभ मेला क्षेत्र
बता दें कुंभ मेले का आयोजन 670 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है। यह क्षेत्र हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी और देहरादून जिले को कवर कर रहा है। मेले में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्घालु पहुंच रहें हैं और यही बड़ी चिंता का कारण है।
कुंभ मेले में खुलेआम हो रहा है नियमों का उल्लंघन
12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के अवसर पर आयोजित अंतिम दो शाही स्नान में 48.51 लाख श्रद्घालु पहुंचे थे। इनमें से ज्यादातर को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों उल्लंघन करते देखा गया है। बहुत प्रयासों के बावजूद, पुलिस समय की कमी के कारण इन दो शाही स्नान के दौरान SOP लागू नहीं करा पाई। आने वाले दिनों में अखाड़ों को आवंटित क्षेत्रों सहित कुंभ में जांच और वैक्सीनेशन होने की संभावना है।
महामारी के बीच कुंभ को जारी रखने की हो रही तीखी आलोचना
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी और बेहद भयंकर लहर के बीच भी कुंभ को जारी रखने की काफी आलोचना हो रही है और आलोचकों का कहना है कि यह संक्रमण का सुपर-स्प्रेडर साबित हो सकता है। बुधवार को ही शाही स्नान के लिए हर की पौड़ी घाट पर लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई और गंगा स्नान किया। राज्य सरकार के अनुसार, करीब 11.50 लाख लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई थी।
महामारी के कारण मेले में लागू की गई हैं कई पाबंदियां
हर 12 साल पर होने वाला महाकुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के बीच असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है। इस कारण मेले की अवधि को कम करके 1 से 30 अप्रैल तक किया गया है। मेले में आने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। टेस्ट रिपोर्ट अधिकतम 72 घंटे पहले की होनी चाहिए। लेकिन इन नियमों के पालन में ढिलाई बरती जा रही है।
उत्तराखंड में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
उत्तराखंड में बुधवार को 1,953 नए मामले आए और 13 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1.14 लाख से अधिक हो गई है। इनमें से 1,793 की मौत हो गई, जबकि 1.10 ठीक हो चुके हैं।