उत्तराखंड आपदा: ग्लेशियर टूटने से अब तक हुई आठ की मौत, 430 को लोगों को बचाया
क्या है खबर?
उत्तराखंड में शुक्रवार को चमोली जिले की नीती घाटी के सुमना इलाके में ग्लेशियर टूटने की घटना में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 430 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
हादसे के समय आठों मजबूर सुमना-रिमखिम सड़क मार्ग के निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। उसी दौरान ग्लेशियर के टूटने से वह उनकी चपेट में आ गए और मौत हो गई।
भारतीय सेना मौके पर युद्घ स्तर पर बचाव कार्य में जुटी है।
प्रकरण
भारी बर्फबारी के बाद टूटा ग्लेशियर
चमोली में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर स्थित सुमना-2 के पास पहाड़ी क्षेत्रों में कई दिनों से बारिश और बर्फबारी हो रही थी।
शुक्रवार को सुमना-2 के पास भारी बर्फबारी के चलते एक ग्लेशियर टूट गया। ग्लेशियर टूटने के बाद क्षेत्र में बर्फीला तूफान आ गया और मौके पर सड़क निर्माण कार्य में जुटा बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) का एक कैंप इसी चपेट में आ गया। हादसे के बाद सेना ने बचाव कार्य शुरू कर दिया।
बयान
बचाव कार्य के दौरान बरामद हुए आठ शव
इंडिया टुडे के अनुसार भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड के अधिकारियों ने बताया कि बचाव एवं राहत कार्य जारी है। अब तक आठ शव बरामद किए जा चुके हैं और 430 लोगों को बचा लिया गया है। छह लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और उनका सेना के शिविर में उपचार चल रहा है।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ की बॉर्डर रोड टीमें भापकुंड से सुमना तक रास्ते की सफाई में लगी है। इसमें छह से आठ घंटे का समय लगेगा।
जायजा
मुख्यमंत्री ने किया आपदा ग्रस्त क्षेत्र का हवाई निरीक्षण
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार की सुबह आपदा ग्रस्त इलाके का मुआयना किया। उन्होंने पूरे इलाके का हवाई निरीक्षण किया।
इसके बाद उन्होंने बताया कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भारी मात्रा में बर्फ है। NDRF, SDRF, ITBP और BRO की टीमें बचाव कार्य और सड़क खोलने में जुटी हुई है।
इसके बाद मुख्यमंत्री की सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की और सभी परियोजनाओं में रात में काम बंद करने आदेश दिए।
आश्वासन
गृह मंत्री अमित शाह ने लिया हरसंभव मदद का आश्वासन
इधर, ग्लेशियर टूटने की सूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वत: संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री रावत को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
उन्होंने उत्तरारखंड को पूरी मदद देने और ITBP को सतर्क रहने के लिए कहा है।
इसी तरह जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और CWC को अलर्ट जारी किया है।
जानकारी
वैज्ञानिकों ने जतायी स्नो एवलांच की संभावना
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ कालाचांद सांई ने कहा कि लगातार बर्फबारी से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ जमा हो गई है, जिसके चलते स्नो एवलांच की पूरी संभावना है। ढलान वाली पहाड़ियों पर इसका अधिक खतरा होता है।
दूसरी घटना
फरवरी में आई बाढ़ की याद को किया ताजा
सुमना इलाके में ग्लेशियर टूटने की घटना ने फरवरी में आई बाढ़ की याद को ताजा कर दिया है। ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा-धौलीगंगा नदी में अचानक से पानी बढ़ गया और इससे इलाके में मौजूद ऋषिगंगा प्रोजेक्ट का बांध टूट गया था।
इस सैलाब में अलग-अलग जगहों से 204 लोग लापता हुए थे। इनमें से अभी तक 80 शव मिल चुके हैं और 124 की तलाश अभी भी जारी है। हालांकि, अब सर्च अभियान धीमा हो गया है।