
जम्मू-कश्मीर: गैर कश्मीरियों को मिला मतदान का अधिकार, आतंकी संगठन ने दी हमलों की धमकी
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
सरकार ने अब केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले दूसरे राज्यों के लोगों को भी मतदान का अधिकार दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) हृदेश कुमार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की है।
इसके बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा समर्थित समूह कश्मीर फाइट ने गैर कश्मीरियों पर हमले तेज करने की धमकी दी है।
घोषणा
मुख्य चुनाव अधिकारी ने क्या की है घोषणा?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य में रहने वाले गैर कश्मीरी लोग (कर्मचारी, छात्र, मजदूर आदि) मतदाता सूची में अपना शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र देने की भी जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के जवान भी मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वा सकते हैं। 2019 के चुनाव में जम्मू-कश्मीर में कुल 78.7 लाख मतदाता थे, लेकिन लद्दाख के अलग होने से यह संख्या 76.7 लाख रह गई है।
उम्मीद
25 लाख नए मतादाता जुड़ने की उम्मीद
चुनाव आयोग ने कहा है कि इस फैसले से इस साल केंद्र शासित प्रदेश में 25 लाख नए मतदाता जुड़ने की उम्मीद है। इसमें छात्र, मजदूर और अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की कवायद पहली बार की जा रही है। यह काम 25 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
इसे चुनाव को लेकर सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
लोग मतदाता सूची में नाम चुनाव आयोग द्वारा स्थापित केंद्र पर जाकर या फिर ऑनलाइन तरीके से जुड़वाया जा सकता है। इसके लिए आपको चुनाव आयोग की वेबसाइट nvsp.in पर जाना होगा और वहां रजिस्ट्रेशन कर आवेदन करना होगा।
निशाना
विपक्ष ने साधा भाजपा पर निशाना
सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'क्या भाजपा जम्मू-कश्मीर के असली मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज भाजपा की मदद नहीं करेगी।'
आरोप
जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना चाहती है भाजपा- मुफ्ती
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'पहले कश्मीर में चुनाव स्थगित करवाना और फिर अब बाहरी लोगों को मतदाता सूची में नाम शामिल कराने की अनुमति देने के पीछे की मंशा स्पष्ट है कि भाजपा चुनाव परिणामों को प्रभावित करना चाहती है। वास्तविक उद्देश्य जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना है।'
इसी तरह जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मामले में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।
धमकी
आतंकी समूह कश्मीर फाइट ने दी हमलों की धमकी
सरकार के इस फैसले के बाद लश्कर-ए-तैयबा समर्थित आतंकी समूह कश्मीर फाइट ने गैर कश्मीरियों पर हमले तेज करने की धमकी दी है।
समूह ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, 'हम इससे खुश नहीं है। गैर कश्मीरियों को वोट देने के अधिकार के बाद स्पष्ट है कि दिल्ली में गंदा खेल हो रहा है। ऐसे में आवश्यक हो गया है कि हम हमलों को तेज करें और लक्ष्यों को प्राथमिकता दें।' इस पोस्ट में लक्ष्यों की सूची भी दी गई है।
निशाना
आतंकी समूह इन्हें बनाएगा निशाना
कश्मीर फाइट की ओर से वेबसाइट पर डाली गई अपने लक्ष्यों की सूची में सभी गैर कश्मीरी, कर्मचारी, व्यापारी, मजदूर, सभी भिखारी, पर्यटक, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना के जवान, इन लोगों को पनाह देने वाले लोगों के घर, लोगों को बसाने के लिए बनाई जाने वाली कॉलोनियों को शामिल किया गया है।
इस चेतावनी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना सतर्क हो गई है और गैर कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाना शुरू कर दिया है।