CAPF और जांच एजेंसियों में 40 प्रतिशत पद खाली, कड़ा रुख अपना सकता है गृह मंत्रालय
क्या है खबर?
केंद्र में तैनाती के लिए राज्यों से मंजूरी और राज्यों में तैनाती को प्राथमिकता देने के कारण भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लगभग 40 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। ये पद केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में रिक्त हैं।
इन्हें भरने के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही ऊंचे पदों पर पहुंचने के इच्छुक IPS अधिकारियों के लिए केंद्रीय एजेंसियों में SP लेवल पर तैनाती अनिवार्य करने वाला है।
रिक्तियां
अधीक्षक स्तर पर रिक्त हैं IPS अधिकारियों के 250 से अधिक पद
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, IPS अधिकारियों की कमी के कारण 31 दिसंबर, 2021 को सशस्त्र सीमा बल (SSB), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) में पुलिस महानिरीक्षक स्तर पर लगभग 58 पदों को कैडर अधिकारियों में स्थानांतरित किया गया है।
29 अप्रैल, 2022 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, IPS अधिकारियों के लिए स्वीकृत कुल 250 पद विशेष रूप से अधीक्षक स्तर पर खाली पड़े हैं।
इंतजार
SSB, NIA और NPA को अपने स्थायी महानिदेशक का इंतजार
गृह मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, SSB, NIA और राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (NPA) को भी अपने स्थायी महानिदेशक का इंतजार है और मौजूदा समय में इनका कार्यभार ऐसे अधिकारियों को सौंपा गया है जिनके पास एक से अधिक जिम्मेदारियां हैं।
इसके अलावा IB और CBI को भी मध्य स्तर के अधिकारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। IB में 82 और CBI में 67 पद मध्य-वरिष्ठ स्तर पर खाली पड़े हैं।
शामिल
SP या DIG स्तर पर केंद्र में शामिल नहीं होना चाहते युवा अधिकारी
DG रैंक के एक अधिकारी ने न्यूज 18 से कहा, "लगभग सभी IPS अधिकारी प्राथमिकता के रूप में IG स्तर पर केंद्रीय एजेंसियों या बलों में शामिल होना चाहते हैं। इसलिए आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो इन स्तर पर अधिकारियों की कोई कमी नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "युवा अधिकारी SP या DIG स्तर पर केंद्र में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। इसका कारण असामान्य क्षेत्रों में पोस्टिंग के दौरान होने वाली दिक्कतें हैं।
गृह मंत्रालय
SP-DIG रैंक के अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं देना अनिवार्य कर सकता है मंत्रालय
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, "SP-DIG रैंक के अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं देनी ही होंगी। वे इससे आना-कानी नहीं कर सकेंगे। अगर की तो फिर बाकी बची हुई सेवा में कभी केंद्र में कोई पद भी नहीं पा सकेंगे। उन्हें प्रतिनियुक्ति के पैनल में शामिल नहीं किया जाएगा।"
बता दें कि CRPF, SSB और BSF में पदों को भरने के लिए गृह मंत्रालय ने कैडर अधिकारियों के पदों को स्थानांतरित कर दिया है।