कोरोना पर काबू पाने के लिए मुंबई और पुणे मॉडल अपनाएं राज्य- स्वास्थ्य मंत्रालय
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए मुंबई और पुणे मॉडल को अपनाने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को संक्रमण नियंत्रित करने के लिए पुणे की तरह कड़े कदम उठाने चाहिए और मुंबई की तरह प्रभावी जनसंचार, विकेंद्रीकृत वॉर रूम और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
बता दें कि बेंगलुरू पहले ही मुंबई मॉडल अपना चुका है।
पुणे और मुंबई मॉडल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि पुणे द्वारा नाइट कर्फ्यू के साथ 15 दिनों तक लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने, लोगों को इकट्ठा होने से रोकने और गैर-जरूरी सेवाओं को बंद करने से दैनिक मामलों में गिरावट आने लगी है।
इसके अलावा अधिकारी ने अपने बयान में मुंबई के वॉर रूम का भी जिक्र किया, जहां संंक्रमित व्यक्ति की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे जरूरत के हिसाब से अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
कोरोना से लड़ाई
कैसे काम करते हैं मुंबई के वॉर रूम?
मुंबई ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए 24 वार्डों में वॉर रूम बनाए हैं।
शहर में स्थित सभी 55 लैबोरेट्रीज से कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट इन्हीं वॉर रूम्स में पहुंचती है। हर वॉर रूम में 30 टेलीफोन लाइन्स, 10 टेलीफोन ऑपरेटर्स, 10 डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ, 10 एंबुलेंस तैनात हैं।
रिपोर्ट मिलने के बाद अगर मरीज को भर्ती कराने की जरूरत होती है तो मरीज के वार्ड से एंबुलेंस जाकर उसे अस्पताल में भर्ती करा देगी।
कोरोना से लड़ाई
मुंबई ने कम समय में बढ़ाई थी स्वास्थ्य सुविधाएं
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूसरे राज्यों से मुंबई की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने को कहा है।
बता दें कि मुंबई ने कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर भी पहली लहर के दौरान बनाए गए देखभाल केंद्रों को बंद नहीं किया था।
इसके अलावा जब दूसरी लहर में मामले बढ़ने लगे तो चार से छह हफ्तों के बीच ही शहर में कोरोना संक्रमितों के लिए बिस्तरों की संख्या 12,000 से बढ़ाकर 23,000 कर दी गई।
मुंबई मॉडल
बेंगलुरू में भी हर वार्ड में बनेगी समिति
गौरतलब है कि बेंगलुरू ने भी संक्रमण पर काबू पाने के लिए मुंबई मॉडल अपनाते हुए हर वार्ड में समिति बनाने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार में मंत्री अरविंद लिंबावली ने कहा कि मुंबई को समितियों की सहायता से मामले कम करने में मदद मिली थी। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बेंगलुरू में यह मॉडल लागू किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट भी अपनी एक सुनवाई में मुंबई मॉडल की तारीफ कर चुका है।
कोरोना वायरस
देश में क्या है संक्रमण के हालात?
भारत में बीते दिन कोरोना के 3,48,421 नए मामले सामने आए और 4,205 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,33,40,938 हो गई है। इनमें से 37,04,099 सक्रिय मामले हैं और 2,54,197 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
देश के 533 जिलों में पॉजीटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है और यहां कड़े कदम उठाने की जरूरत बताई गई है।