अवधिपार ड्राइविंग लाइसेंस के साथ 30 सितंबर तक चला सकेंगे वाहन, सरकार ने फिर बढ़ाई वैधता
यदि आपका ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र सहित आपके वाहन से जुड़े दस्तावेज अवधि पार हो गए हैं और आप लॉकडाउन के कारण उनका नवीनीकरण नहीं करा पाए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने लॉकडाउन के कारण कार्यालयों के बंद होने तथा आवश्यक कार्यों के नहीं हो पाने को देखते हुए फरवरी 2020 में समाप्त हुए ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेजों की वैधता को 30 सितंबर, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।
परिवहन विभागों की ओर से की जा रही है कार्रवाई
बता दें कि महामारी की दूसरी लहर के सामान्य होने के बाद अब राज्यों ने लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है। इससे सड़कों पर यातायात फिर से पटरी पर आने लगा है। इसी बीच परिवहन विभाग के अधिकारियों ने अवधिपार लाइसेंस, वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों के साथ वाहन चला रहे लोगों के चालान बनाने के साथ वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया है। इसके कारण लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
वाहन चालकों से वसूला जा रहा है भारी जुर्माना
बता दें कि मोहन वाहन अधिनियम के तहत बिना लाइससेंस या अवधि पार लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5,000 रुपये, वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र के बिना वाहन चलाने पर 5,000 रुपये, बिना परिमट वाहन चलाने पर 10,000 रुपये और फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना वाहन चलाने पर 2,000 से 5,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में वर्तमान में परिवहन अधिकारी दस्तावेज नवीनीकरण नहीं कराने को लेकर लोगों से मोटा जुर्माना वसूल रहे हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किए आदेश
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को आदेश जारी किया कि मौजूदा परिस्थितियों में ट्रांसपोर्टरों और नागरिकों को होने वाली कठिनाइयों से बचने के लिए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वो मोटर वाहन कानून और नियम के तहत उन दस्तावेजों को 30 सितंबर तक वैध मानें जिनकी वैधता 1 फरवरी, 2020 के बाद से समाप्त हो गई है। बता दें कि लॉकडाउन के कारण लोग दस्तावेज का नवीनीकरण नहीं करा पाए थे।
मंत्रालय ने वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई न करने को कहा
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने आदेश में यह भी कहा है कि वर्तमान में कई जगह अवधि पार लाइसेंस और अन्य दस्तावेजों को लेकर वाहन चालकों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में लोगों की सहूलियत के लिए 30 सितंबर तक कार्रवाई करने से बचें।
महामारी के कारण बड़े स्तर पर बाधित हुआ है कार्य
दिल्ली के एक परिवहन अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि लॉकडाउन में ढील के बाद परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट नवीनीकरण कराने वालों की भीड़ जुट गई है। सराय काले खां में स्थित RTO कार्यालय में महामारी से पहले प्रतिदिन 250 लाइसेंस बनाए जा रहे थे, लेकिन अब महज 80 लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण बड़े स्तर पर कार्य प्रभावित हुआ है।
वाहन चालकों को नहीं है घबराने की जरूरत- DTO
एक अन्य परिवहन अधिकारी ने कहा कि कार्यालयों में भीड़ से सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं होने का खतरा बढ़ गया है। यह महामारी के लिहाज से गंभीर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन के ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षणों को सीमित कर दिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी नवीनीकरण की अंतिम तारीख को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। ऐसे में लोगों से अपील है कि बुलावा आने पर ही नवीनीकरण के लिए कार्यालय पहुंचे।
मंत्रालय ने छठी बार किया है दस्तावेजों की वैधता का विस्तार
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कोरोना वायरस महामारी के दौर में यह छठी बार ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावों की वैधता का विस्तार किया है। इससे पहले मंत्रालय की ओर से पिछले साल पहली बार 30 मार्च, दूसरी बार 9 जून, तीसरी बार 24 अगस्त, पांचवीं बार 20 दिसंबर और इस साल 26 मार्च को दस्तावेजों की वैधता का विस्तार किया गया था।