तमिलनाडु में थम नहीं रही छात्रों की आत्महत्याएं, दो हफ्ते में पांच ने ली अपनी जान
तमिलनाडु में कक्षा 12 के एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली है। ये पिछले दो हफ्ते में राज्य में स्कूली छात्र के आत्महत्या करने का पांचवां मामला है, वहीं पिछले तीन दिन में चौथा मामला है। ताजा मामले में छात्र को शिवगंगा जिले स्थित उसके घर पर मृत पाया गया। पुलिस के अनुसार, छात्र एक सुसाइड नोट लिखकर भी गया है जिसमें उसने कहा है कि वह गणित और जीव विज्ञान नहीं समझ पा रहा था।
एक के बाद एक छात्रों की आत्महत्या से सकते में तमिलनाडु
एक के बाद एक स्कूली छात्रों के आत्महत्या करने के इन मामलों ने तमिलनाडु और पूरे देश को सकते में डाल दिया है। आत्महत्या करने वाले पांच छात्रों में से चार कक्षा 12 के छात्र थे, वहीं एक कक्षा 11 की छात्रा थी। इसी तरह यह दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाने वाले छात्रों में चार छात्राएं थीं, वहीं एक छात्र था। अभी तक किसी भी मामले में किसी तरह की साजिश की बात सामने नहीं आई है।
13 जुलाई को 12वीं की छात्रा की आत्महत्या से शुरू हुआ सिलसिला
छात्रों के आत्महत्या करने का ये सिलसिला 13 जुलाई को कल्लाकुरिची जिले में 12वीं की एक छात्रा की आत्महत्या से शुरू हुआ। 17 वर्षीय छात्रा को उसके स्कूल के हॉस्टल में मृत पाया गया था। उसके परिजनों ने मामले में साजिश की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया है। छात्रा की आत्महत्या से गुस्साए लोग हिंसक विरोध-प्रदर्शन भी कर चुके हैं जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हुए थे।
पिछले तीन में सामने आए बाकी चार मामले
आत्महत्या के बाकी चार मामले पिछले तीन दिन में सामने आए है। सोमवार को तिरुवल्लूर जिले के एक स्कूल के हॉस्टल में कक्षा 12 की छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। इसी दिन कडलूर में भी कक्षा 12 की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में उसने कहा कि उसके माता-पिता उस पर UPSC की तैयारी करने का दबाव डाल रहे थे। तीसरा मामला मंगलवार को शिवकाशी में सामने आया। यहां कक्षा 11 की छात्रा ने आत्महत्या की।
मुख्यमंत्री की छात्रों से ऐसा कदम न उठाने की अपील
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन छात्रों के आत्महत्या करने की इन घटनाओं को दर्दनाक बता चुके हैं। मंगलवार को जारी किए गए अपने बयान में उन्होंने छात्रों से किसी भी परिस्थिति में आत्महत्या का विचार अपने मन में नहीं लाने की अपील की। उन्होंने शिक्षकों से भी छात्रों को मानसिक मजबूती देने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने छात्रों के शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
छात्रों को मानसिक मदद प्रदान करने के लिए सरकार लेकर आई नई योजना
छात्रों को मानसिक सहायता देने के लिए तमिलनाडु सरकार ने 'मनावर मनसु' योजना भी शुरू की है। इसके तहत छात्रों को मानसिक परामर्श देने के लिए 800 डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री स्टालिन ने आज इस योजना को लॉन्च किया।
न्यूजबाइट्स प्लस
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में देश में 12,500 छात्रों ने आत्महत्या की थी। इसका मतलब देश में हर रोज औसतन 34 छात्र आत्महत्या करते हैं। कोरोना वायरस महामारी, अचानक से बदली परिस्थितियां, पढ़ाई में आ रही चुनौतियों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक कारणों को आत्महत्याओं में बढ़ोतरी की वजह माना गया था। आत्महत्या करने वाले छात्रों में से 53 प्रतिशत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के थे।