उत्तर प्रदेश: कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कांवड़ियों के भेष में तैनात किए गए पुलिसकर्मी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को कांवड़ियों के भेष में तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरनगर में भगवा टी-शर्ट पहने सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने कांवड़ियों के साथ यात्रा की। कानून-व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था। इसके अलावा स्थिति पर ड्रोन से नजर रखी गई ताकि किसी भी असामाजिक तत्व को उसके उद्देश्य में कामयाब होने से रोका जा सके।
मुजफ्फरनगर से गुजरते हैं लाखों कांवड़िये
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर स्थित मुजफ्फरनगर कांवड़ यात्रा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड जाने वाला हर श्रद्धालु यहां से गुजरता है। जिले में से करीब 50 किलोमीटर कांवड़ यात्रा का मार्ग है। उन्होंने आगे कहा, "उत्तराखंड से गंगाजल लाने के बाद कांवड़िये मुजफ्फरनगर आने के बाद शामली, मेरठ और दूसरे रास्तों पर जाते हैं। वहीं स्थानीय लोग भी मंदिरों में जाते रहते हैं।"
कड़ी की गई है सुरक्षा व्यवस्था- अधिकारी
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर सामान्य तैनाती के अतिरिक्त 400-500 पुलिसकर्मियों को कांवड़ियों के भेष में तैनात किया गया है। ये कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले की सीमा तक कांवड़ियों के साथ पैदल यात्रा करते हैं। उन्होंने बताया कि यह सामान्य प्रक्रिया है और पिछले कई सालों से इसका पालन किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों को कांवड़ियों की यात्रा सुगम बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं।
कांवड़ यात्रा के मार्ग पर लगे हैं 750 CCTV कैमरे
कांवड़ यात्रा मार्ग पर नजर रखने के लिए जिले में 750 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों को अधिकृत व्यक्ति अपने मोबाइल से भी एक्सेस कर सकते हैं। इसके अलावा जिन स्थानों पर भीड़ इकट्ठा होती है, वहां ड्रोन तैनात किए गए हैं। जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कांवड़ यात्रा को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार के आदेशों की पालना हो रही है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दो साल बाद हो रहा कांवड़ यात्रा का आयोजन
कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल बंद रहने के बाद इस बार कांवड़ यात्रा का आयोजन हो रहा है। अधिकारियों का अनुमान है कि अलग-अलग राज्यों से करीब चार करोड़ कांवड़िये हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगाजल लेने आते हैं। बता दें कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से हर साल बड़ी संख्या में लोग हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं। वहां से ये लोग गंगाजल लाकर अपने पास के शिव मंदिर में अर्पित करते हैं।
कांवड़ यात्रा को लेकर जारी है अलर्ट
सावन के महीने में जारी कांवड़ यात्रा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को कांवड़ियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया था। मंत्रालय का कहना है कि कुछ कट्टरपंथी तत्व कांवड़ियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो से मिले इनपुट के आधार पर मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों को एडवायजरी जारी कर कांवड़ियों की सुरक्षा के इंतजाम कड़े करने को कहा था।