
सुप्रीम कोर्ट से DJB और MCD को राहत, 50 करोड़ रुपये के जुर्माने पर लगाई रोक
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना प्रदूषण मामले में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा दोनों पर लगाए गए 50.44 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी है। बता दें कि NGT ने यह जुर्माना नालों में गंदगी और प्रदूषण को नियंत्रित करने में DJB और MCD की विफलता के लिए लगाया गया था। NGT का तर्क था कि इससे यमुना नदी प्रदूषित हो रही है।
आदेश
NGT ने दिया था 2 महीने में भुगतान का आदेश
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और एनवी अंजारिया की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए NGT के आदेश पर रोक लगाई है। NGT ने 21 नवंबर, 2024 को DJB और MCD पर 25.22 और 25.22 करोड़ का जुर्माना लगाया था। उस दौरान NGT ने दोनों विभागों को 2 महीनें में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह राशि जमा कराने के आदेश दिए थे। NGT ने दोनों को यमुना में बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया था।
आलोचना
NGT ने की थी MCD की लापरवाही की आलोचना
NGT ने पार्किंग स्थल बनाने के लिए बरसाती नालों के कुछ हिस्सों को कंक्रीट के चैंबरों से ढकने के लिए MCD की आलोचना की थी। NGT ने कहा था कि MCD की लापरवाही और गैरकानूनी गतिविधियों ने नालों का प्राकृतिक स्वरूप ही बदल दिया, जिससे सफाई मुश्किल हो गई और निवासियों की समस्याएं और बढ़ गईं। NGT ने जल निकासी चैनलों पर अतिक्रमण और उन्हें ढकने, गाद जमने और बरसाती नालों में सीवेज मिलने का भी हवाला दिया था।
दोषी
NGT ने DJB को भी ठहराया था दोषी
NGT ने कहा था कि पिछले कई आदेशों, निरीक्षणों और विस्तारित समय-सीमाओं के बावजूद DJB बरसाती नालों में अशोधित सीवेज के बहाव को प्रभावी ढंग से रोकने में विफल रहा है। इसने सफाई और दुर्गंधयुक्त गैसों की रोकथाम के लिए नियमित अंतराल पर कंक्रीट के आवरणों को आंशिक रूप से हटाने का आदेश दिया। DJB को 3 महीने में सीवेज तक जाने वाले नालों को बंद करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा।