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किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च स्थगित, शंभू सीमा पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
पुलिस ने आज फिर किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं (तस्वीर-एक्स/@nikita_jain15)

किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च स्थगित, शंभू सीमा पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

लेखन आबिद खान
Dec 08, 2024
04:47 pm

क्या है खबर?

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान आज फिर खूब बवाल हुआ। पंजाब के 101 किसान पैदल ही दिल्ली की ओर निकले, जिन्हें शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। इस बीच पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे, जिसमें कुछ किसानों के घायल होने की खबर है। इसके बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च स्थगित कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि बैठक के बाद आगे का फैसला लेंगे।

विवाद

क्यों हो रहा है विवाद?

किसानों का कहना है कि उन्होंने दिल्ली कूच करने वाले 101 किसानों की सूची पुलिस को दी है। वहीं हरियाणा की पुलिस का कहना है कि पहले इन लोगों की पहचान की जाएगी, उसके बाद दिल्ली जाने दिया जाएगा। पुलिस ने कहा कि उनके पास जो सूची आई है, ये वो किसान नहीं हैं। पहचान नहीं हो पा रही है, इस वजह से पुलिस ने रोक लिया है। इस बीच किसानों ने कहा कि पुलिस के पास गलत सूची है।

ट्विटर पोस्ट

आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद ऐसे हुए हालात

सुरक्षा

किसानों को रोकने के लिए क्या-क्या इंतजाम?

हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए करीब 1,000 जवान और 3 वज्र वाहन तैनात किए हैं। भारी बैरिकेडिंग के साथ सड़कों पर लोहे की कीलें भी लगाई गई हैं। अंबाला के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट बंद किया गया है। वहीं, किसानों ने अपनी तरफ से 10 एंबुलेंस तैयार रखी हैं। आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए पानी के टैंकर और बोरियों का इंतजाम किया गया है। किसानों को चश्मे, मास्क और नमक भी दिया है।

बयान

पंधेर बोले- सरकार को मसले हल करना चाहिए

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "आमरण अनशन को 13 दिन हो गए हैं। हमारा कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा है। सरकार हमें न दिल्ली जाने दे रही है और न ही हमारी समस्याओं का हल कर रही है। भगवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सद्बुद्धि दें और हमारे मसलों को हल करें। सरकार को ऐसा लगता है कि हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाकर सफल हो जाएंगे। सरकार को टकराव की नीति छोड़कर मसलों को हल करना चाहिए।"

पिछला कूच

किसानों ने 6 दिसंबर को भी किया था कूच

6 दिसंबर को भी किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच शुरू किया था। तब भी शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच विवाद हुआ था। किसानों ने बैरिकेडिंग और नुकीले तार उखाड़ दिए थे। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे, जिनमें 7 किसान घायल हो गए थे। झड़प बढ़ने के बाद किसान नेताओं ने मार्च स्थगित कर किसानों को वापस आंदोलन स्थल बुला लिया था।

मांग

क्या हैं किसानों की मांगें?

किसान सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से फसलों की कीमत तय हो। कर्ज माफी हो, किसानों को पेंशन मिले और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। लखीमपुर खीरी मामले के दोषियों को सजा मिले। पिछले किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और सराकरी नौकरी मिले और किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस हों।