बिहार: पुलिसकर्मियों ने घरों में घुसकर किसानों पर बरसाईं लाठियां, सामने आया वीडियो
बिहार के बक्सर जिले में पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। चौसा ब्लॉक के बनारपुर गांव में पुलिसकर्मियों ने मंगलवार देर रात घरों में सो रहे किसानों पर जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिसकर्मियों ने अपनी सफाई में कहा है कि पहले किसानों ने उन पर हमला किया था। पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो भी सामने आया है। बता दें कि इलाके के किसान पिछले कुछ समय से अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
गुस्साए किसानों ने पुलिस की गाड़ी में लगाई आग
बिहार पुलिस के लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने बुधवार सुबह चौसा स्थित पावर प्लांट में घुसकर हंगामा किया। किसानों ने पुलिस की एक गाड़ी में भी आग भी लगा दी। एक शख्स द्वारा घर के अंदर हमला करने के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी महिलाओं समेत लोगों को बेरहमी से पीटते और दरवाजे तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। किसानों ने एक CCTV फुटेज भी जारी की है।
यहां देखें लाठीचार्ज का वीडियो
क्या है जमीन के मुआवजे का मामला?
SJVN लिमिटेड नामक एक सरकारी कंपनी ने क्षेत्र में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए 2011 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने की बात कही थी। हालांकि, कंपनी ने 2022 में जमीन अधिग्रहण करना शुरू किया, जिसके बाद किसान वर्तमान दर के हिसाब से जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। हालांकि, कंपनी पुरानी दरों के हिसाब से मुआवजा देने की बात कह रही है, जिसको लेकर किसान पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे हैं।
कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज- किसान
किसानों ने कहा कि मुफस्सिल पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी अमित कुमार के नेतृत्व में लाठीचार्ज किया गया। किसानों का आरोप है कि SJVN लिमिटेड ने पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद उन पर लाठीचार्ज किया गया। किसानों ने कहा कि वे सभी शांतिपूर्वक मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अब तक स्पष्ट नहीं कर पाई है कि वह आधी रात को किसानों के घर पर क्या करने गई थी।
किसानों ने पहले किया था हमला- पुलिस
मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार ने लाठीचार्ज करने का आरोप लगने पर बताया कि कंपनी ने कुछ प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस उन किसानों को पकड़ने गई थी और तभी किसानों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसके चलते जवाबी कार्रवाई की गई। वहीं किसानों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस लाठीचार्ज करने से पहले घूमते हुई दिखी थी।