केंद्र ने किसानों को MSP पर दिया 5 साल का प्रस्ताव, आंदोलन अभी के लिए स्थगित
केंद्र सरकार आंदोलित किसानों को 4 और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने को तैयार है। रविवार को चंडीगढ़ में देर रात चली चली चौथे दौर की बैठक में सरकार ने पंजाब में किसानों से अगले 5 सालों के लिए MSP पर मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल खरीदने का प्रस्ताव दिया है। दूसरी तरफ किसानों नेताओं ने इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए सरकार से 2 दिन का समय मांगा है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बोले- सकारात्मक रही बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के साथ चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही। उन्होंने कहा, "हमने भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFD) जैसी सहकारी समितियों के माध्यम से MSP पर किसानों से दालें, मक्का और भारतीय कपास निगम (CCI) को कपास की फसल खरीदने के लिए 5 साल के समझौते का प्रस्ताव दिया है और खरीद पर कोई सीमा नहीं होगी।"
किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 5 घंटे तक चली बैठक
रविवार को केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच यह बैठक देर रात तक करीब 5 घंटे से अधिक चली। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गोयल, अर्जुन मुंडा, नित्यानंद राय समेत मुख्यमंत्री भंगवत मान, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल मौजूद रहे।
किसान नेता पंधेर बोले- प्रस्ताव पर किया जाएगा विचार-विमर्श
किसान नेता पंधेर ने कहा कि वह 19-20 फरवरी को अपने अलग-अलग किसान मंचों और विशेषज्ञों पर प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि किसानों की बाकी मांगों पर जल्द कुछ सहमति बनेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च को स्थगित किया गया है, लेकिन अगर सभी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 21 फरवरी सुबह 11:00 बजे बाद दिल्ली कूच किया जाएगा।
खनौरी बॉर्डर पर किसान की हाई अटैक से मौत
सोमवार को खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की हार्ट अटैक से मौत की सूचना है। किसान की पहचान मंजीत सिंह पटियाला निवासी कांगथला गांंव के रूप हुई है और वह भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) से जुड़े थे। ये किसान आंदोलन के दौरान तीसरी मौत है और इससे पहले शंभू बॉर्डर पर एक किसान और पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। आज किसान आंदोलन छठें दिन में प्रवेश कर चुका है और प्रदर्शनकारी किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं।
कुरुक्षेत्र में भाकियू चढ़ूनी आगे की रणनीति पर करेगा चर्चा
इस बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) भी खाप प्रतिनिधियों के साथ आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे। इससे पहले रविवार को यहां आंदोलन को लेकर एक महापंचायत बुलाई गई थी। इससे पहले किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब के 7 जिलों में 24 फरवरी, जबकि हरियाणा के 7 जिलों में 19 फरवरी तक इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई है और यहां धारा 144 भी लागू है।
प्रदर्शनकारी किसानों की क्या है मांग?
किसान अपनी कुछ प्रमुख मांगों लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी सबसे बड़ी मांग MSP को लेकर कानून बनाने की है। इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग भी कर रहे हैं।