दिल्ली में प्रदूषण के बीच सरकार का निर्णय, घर से काम करेंगे 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी
क्या है खबर?
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। यह अभी भी 'गंभीर' स्तर पर बनी हुई है। इससे लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है।
इस बीच दिल्ली सरकार ने बड़ा निर्णय करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया के जरिए इसका ऐलान किया है। इसको लेकर दोपहर 1 बजे सचिवालय में बैठक भी होगी।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें गोपाल राय की पोस्ट
प्रदुषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ़्तरो में वर्क फ्रॉम होम का लिया निर्णय
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 20, 2024
50% कर्मचारी करेंगे घर से काम
इसके इम्पलिमेंटेशन के लिए सचिवालय में आज दोपहर 1 बजे अधिकारियों के साथ होगी बैठक
हालात
अलीपुर में दर्ज किया गया सबसे अधिक AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली में सुबह 6 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 422 दर्ज किया, जो मंगलवार को 494 पर पहुंच गया था। दिल्ली में अलीपुर में सबसे अधिक 463 AQI दर्ज किया गया है।
इसके अलावा, आनंद विहार, अशोक विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर, अशोक विहार, बवाना, रोहिणी, विवेक विहार, सोनिया विहार, नरेला आदि इलाकों में AQI 450 के आसपास ही दर्ज किया गया है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब स्थिति है।
तैयारी
दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने पर विचार
दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने शहर में कृत्रिम बारिश कराने पर जोर दिया और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
पर्यावरण मंत्री ने केंद्र से स्थिति से निपटने के लिए एक आपात बुलाने और राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने को मंजूरी देने का आग्रह किया है। राजधानी शहर के 32 वायु निगरानी स्टेशन में से 23 ने (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया, जो बेहद ही गंभीर स्थिति है।
ट्विटर पोस्ट
दिल्ली में कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में तैरता जहरीला झाग
#WATCH | Delhi: Toxic foam seen floating on the Yamuna River in Kalindi Kunj, as pollution level in the river continues to remain high. pic.twitter.com/HspJeB9br7
— ANI (@ANI) November 20, 2024
जानकारी
दिल्ली में रद्द की गई 6 उड़ाने
दिल्ली में धुंध की मोटी चादर होने से दृश्यता बहुत ही कम रही। इसके कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर आने वाली 6 उड़ानों को रद्द कर दिया गया, जबकि 119 उड़ानों का देरी से संचालन हुआ। कई ट्रेनें भी देरी से चली हैं।