ट्रैक्टर परेड: किसान नेताओं का दावा- हरियाणा से एक लाख तो पंजाब से 80,000 ट्रैक्टर आएंगे
कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के लिए दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड की तैयारियों जोरों पर हैं और इसके लिए हजारों ट्रैक्टर दिल्ली पहुंच चुके हैं या दिल्ली पहुंचने वाले हैं। हरियाणा के किसान नेताओं ने अपने यहां से एक लाख से अधिक ट्रैक्टर, वहीं पंजाब के किसान नेताओं ने लगभग 80,000 ट्रैक्टरों के परेड के लिए दिल्ली आने की बात कही है। इसकी वजह से नेशनल और स्टेट हाईवेज पर जाम की स्थिति भी पैदा हुई है।
दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर होनी है ट्रैक्टर परेड
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड बुलाई है। ये रैली दिल्ली को घेरने वाले आउटर रिंग रोड पर निकाली जाएगी और 100 किलोमीटर लंबी इस परेड में हजारों ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे। इन ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे लगाए जाएंगे। किसान संगठनों ने भरोसा दिया है कि इस ट्रैक्टर परेड के जरिए राजपथ पर होनी वाली गणतंत्र दिवस परेड में व्यवधान नहीं पहुंचाया जाएगा।
शुक्रवार से दिल्ली के रास्ते पर हैं हजारों ट्रैक्टर
किसानों की इस रैली के लिए पंजाब और हरियाणा के हजारों ट्रैक्टर शुक्रवार से ही सड़कों पर हैं और अभी वे रास्ते में हैं। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) का कहना है कि उनका संगठन पंजाब के 1,250 गांवों से लगभग 40,000 ट्रैक्टर भेजेगा। वहीं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 30,000 ट्रैक्टर भेजने की बात कही है। इसके अलावा हरियाणा के 7,000 गांवों से एक लाख ट्रैक्टर आने की उम्मीद है।
ट्रैक्टरों के हाईवेज का बड़ा हिस्सा घेरने का अनुमान
रविवार को दिल्ली-हिसार नेशनल हाइवे पर दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के रोहतक के बीच ट्रैक्टरों का 60 किलोमीटर लंबा काफिला देखा गया। अधिकारियों का मानना है कि अगले दो दिनों में किसान इस हाइवे के 70 किलोमीटर हिस्से को घेर सकते हैं। किसान 40 किलोमीटर हाइवे पर पहले ही घेर चुके हैं। इसी तरह किसानों के अगले दो दिनों में दिल्ली-अंबाला हाइवे का 50 किलोमीटर हिस्सा घेरने का अनुमान लगाया जा रहा है।
अधिकारियों ने लगाया 50,000-60,000 ट्रैक्टरों का अनुमान
हालांकि खुफिया अधिकारियों ने इन आंकड़ों पर संदेह व्यक्त किया है और हरियाणा-पंजाब से लगभग 50,000 ट्रैक्टरों के आने की बात कही है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक किलोमीटर सड़क पर केवल 293 ट्रैक्टर आ सकते हैं और इस तरह 50 किलोमीटर सड़क पर 15,000 ट्रैक्टर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसान चार लाइन बनाते हैं तो हाईवे पर 60,000 ट्रैक्टर आ सकते हैं। अधिकारियों ने ट्रैक्टरों के कारण जाम लगने की बात भी कही है।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
सरकार और किसानों के बीच बातचीत का सिलसिला टूटा
मुद्दे पर बने गतिरोध को तोड़ने के लिए किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बैठक भी हो चुकी है, हालांकि इनमें कोई समाधान नहीं निकला है। शुक्रवार को हुई अंतिम दौर की बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि वह कानूनों को दो साल के लिए निलंबित करने के लिए तैयार है और अगर किसान इस पर तैयार है तभी आगे बातचीत होगी। हालांकि किसान कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।