देश में मई में पड़ सकती है भीषण गर्मी, अर्थव्यवस्था से लेकर स्वास्थ्य पर होगा असर
क्या है खबर?
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कई हिस्सों में मई में भीषण गर्मी पड़ सकती है। इससे बिजली नेटवर्क प्रभावित हो सकता है, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा पैदा हो सकता है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पूर्व-मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में मई महीने का अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की आशंका है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में भी भीषण गर्मी देखने को मिल सकती है।
असर
खाद्यान्न से लेकर स्वास्थ्य पर होगा असर
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में दक्षिण एशियाई देश भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। इससे वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
व्यापारी अब निवेश करने से पहले मौसम को ध्यान में रख रहे हैं। गर्मी से उत्पादकता पर भी असर पड़ सकता है।
वहीं, भारत में लाखों लोग तेज धूप में खुले में कड़ी मेहनत करते हैं। इससे लोगों की जान को लेकर भी खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है।
नमी
नमी बढ़ा रही शहरों में गर्मी
येल स्कूल द्वारा किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नमी से शहरो में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। अध्ययन के मुताबिक, शहरों के चारों ओर से घिरे होने से जिसे अर्बन हीट आइलैंड फेनोमेना कहते हैं, के कारण शहर में रहने वालों को गर्मी का अधिक प्रकोप झेलना पड़ता है।
बता दें कि शहर आमतौर पर अपने निकटवर्ती ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक गर्म और शुष्क होते हैं।
भविष्यवाणी
तापमान को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी
IMD ने कहा है कि मई में उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस साल मानसून के दौरान अल नीनो प्रभाव सक्रिय हो सकता है। इससे देश में कम बारिश होने की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग ने कहा कि जून, जुलाई, अगस्त के मौसम में अल नीनो की 70 प्रतिशत संभावना है।
मानसून
इस साल कैसा रहेगा मानसून?
मौसम विभाग ने 11 अप्रैल को कहा था कि इस साल मानसून में सामान्य बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, देश में जून से सितंबर तक सक्रिय रहने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान 96 फीसदी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग मानसून का दूसरा अनुमान मई महीने के आखिर में जारी करेगा।
मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा के मुताबिक, बारिश के सामान्य और सामान्य से ज्यादा रहने की 67 प्रतिशत संभावना है।