मंजूरी के बावजूद तीन स्वदेशी वैक्सीनों का नहीं हो रहा इस्तेमाल, विशेषज्ञों ने कही ये बात
क्या है खबर?
यूं तो भारत में अभी तक कुल आठ कोविड वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इस्तेमाल केवल दो वैक्सीनों, का हो रहा है।
जिन पांच वैक्सीनों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, उनमें तीन स्वदेशी वैक्सीनें भी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब इन तीनों वैक्सीनों का इस्तेमाल शुरू करने का समय आ गया है।
सरकार ने कम उत्पादन क्षमता के कारण इन्हें मौजूदा वैक्सीनेशन अभियान में शामिल नहीं करने की बात कही है।
वैक्सीनें
अब तक किन वैक्सीनों को मिली है मंजूरी?
देश में जिन आठ कोविड वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है, उनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक की वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं।
कोविशील्ड और कोवैक्सिन को पूर्ण इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल चुकी है, हालांकि अन्य किसी वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
सलाह
विशेषज्ञों की कोवावैक्स, कोर्बेवैक्स और जायडस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू करने की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि कोवावैक्स, कोर्बेवैक्स और जायडस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू करने के लिए ये ठीक समय है क्योंकि देश में बच्चों और किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है, वहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है।
जायडस वैक्सीन को तो 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल चुकी है, हालांकि इसके बावजूद बच्चों को केवल कोवैक्सिन लगाई जा रही है।
कारण
क्यों नहीं हो रहा इन वैक्सीनों का इस्तेमाल?
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इन वैक्सीनों का इस्तेमाल शुरू करने में कंपनियों की कम उत्पादन क्षमता एक बड़ी बाधक रही है।
सरकार 385 करोड़ रुपये में जायडस वैक्सीन की एक करोड़ खुराकों को ऑर्डर दे भी चुकी है, लेकिन इनकी डिलीवरी लगभग एक महीने बाद शुरू होने का अनुमान है।
विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस्तेमाल शुरू होने से पहले इन तीनों वैक्सीन कंपनियों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।
रणनीति
भविष्य की क्या रणनीति?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि देश के मुख्य भाग में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं, ऐसे में कोवावैक्स, कोर्बेवैक्स और जायडस वैक्सीन का इस्तेमाल उत्तर-पूर्वी राज्यों में करने की योजना है जहां वैक्सीनेशन की दर कम है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके लिए खुराकों का ऑर्डर भी दिया जा चुका है।
महाराष्ट्र भी कम वैक्सीनेशन वाले इलाकों में इन वैक्सीनों के इस्तेमाल की योजना बना रहा है।
वैक्सीनेशन अभियान
देश में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
16 जनवरी, 2021 को शुरू हुए भारत के वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 1,66,03,96,227 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
देश की 75 प्रतिशत वयस्क आबादी को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 28,90,986 खुराकें लगाई गईं।
देश में 3 जनवरी से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। अभी 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
10 जनवरी से अधिक जोखिम वाले समूहों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है।