#NewsBytesExclusive: फेसबुक पर देशद्रोह का केस करने वाले रक्षा विशेषक्ष अभिजीत अय्यर मित्रा से खास बातचीत
क्या है खबर?
दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अमेरिका सहित कई देशों में चुनावों में दखलअंदाजी देने और उन्हें प्रभावित करने का आरोप लग चुका है।
भारत में भी उसके हालात इससे जुदा नहीं है और प्रसिद्ध रक्षा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ अभिजीत अय्यर मित्रा ने फेसबुक पर देशद्रोह और चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।
हमारे साथ विशेष बातचीत में उन्होने अपनी शिकायत और अन्य मुद्दों पर बात की।
बयान
अभिजीत ने कहा, अभी भी अखबार के दौर में फंसे हैं हम
अभिजीत ने कहा कि लोगों को साइबर धोखाधड़ी के बारे में कुछ नहीं पता है और विदेशी संस्थान भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हमारे पास प्रिंट मीडिया में कानून है कि विदेशी एडिटर्स यहां अखबार नहीं चला सकते। हम अखबार के दौर में फंसे हुए हैं।"
अभिजीत ने दावा किया कि हेरफेर रोकने के नाम पर सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स खुद चुनावों में हेरफेर कर रहे हैं और नीति निर्माताओं को इसकी कोई जानकारी नहीं।
आरोप
'फेसबुक जो कर रहा, वो भारत के खिलाफ युद्ध'
बता दें कि अभिजीत ने फेसबुक के खिलाफ देशद्रोह की धारा 121 और धारा 120B के तहत मामला दर्ज कराया है।
फेसबुक के तरीकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "युद्ध केवल दिखने वाली चीजों से नहीं लड़ा जाता। फेसबुक जो कर रही है वह भारत के खिलाफ युद्ध है। चुनाव एक लोकतंत्र का आधार हैं। अगर वह उनको प्रभावित होने दे रहे हैं, तो यह एक प्रत्यक्ष आक्रमण से कैसे अलग है?"
फेसबुक पर आरोप
अभिजीत ने कहा, भारतीय कानून का अधिक्रमण नहीं कर सकती फेसबुक
क्या फेसबुक भारतीय चुनाव को प्रभावित कर सकती है, इस सवाल के जवाब में अभिजीत ने कहा, "सवाल यह नहीं है कि क्या वह प्रभावित कर सकते हैं, सवाल यह है कि वह प्रभावित करती है या नहीं।"
उन्होंने कहा, "जो फेसबुक कर रही है, उसे वो नहीं करने दिया जाना चाहिए। हमारे खुद के कानून हैं। वह खुद की इच्छाओं और व्याख्याओं को थोप कर भारतीय कानून का अधिक्रमण नहीं कर सकती।"
विवादित कार्रवाई
फेसबुक ने चुनाव से पहले किया था सैकड़ों पेजों को बंद
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले फेसबुक ने सैकड़ों पेजों को बंद और निलंबित किया था।
इनमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से जु़ड़े हुए पेज भी शामिल थे।
इस पर राय रखते हुए उन्होंने कहा, "इसमें 3 श्रेणियां हैं। पहले नंबर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे पेज हैं। संख्या में दूसरे नंबर पर कांग्रेस के पेज हैं। सबसे कम भाजपा के पेजों को बंद किया गया है।"
कार्रवाई पर सवाल
'फेसबुक अपने हिसाब से पेजों पर कार्रवाई नहीं कर सकती'
अभिजीत ने इस बीच कहा कि फेसबुक को खुद से पेजों पर कार्रवाई करने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा, "फेसबुक हमें यह बताने वाली कौन होती है कि क्या करना है? अगर वह पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे पेज हैं तो हमारी सरकार और खुफिया एजेंसियां इस पर फैसला लेंगी और फेसबुक को इन्हें बंद करने को कहेंगी।"
उन्होंने सवाल किया, "फेसबुक इसमें कहां से आ गया? उन्हें भारतीय चुनाव में दखलअंदाजी करने की इजाजत किसने दी?"
जानकारी
फेसबुक पर आपराधिक कार्रवाई की मांग
फेसबुक के खिलाफ भारत सरकार और चुनाव आयोग को क्या कदम उठाने चाहिए, इस सवाल के जवाब में अभिजीत ने बेहद सख्त आपराधिक कार्रवाई करने को कहा। उन्होने कहा कि सरकार को इस सब के गंभीर प्रभावों के बारे में कोई अंदाजा नहीं है।
ट्विटर
दक्षिणपंथ विरोधी रुख के लिए ट्विटर भी रहा है निशाने पर
बता दें कि भारत में फेसबुक के अलावा ट्विटर को भी उसके दक्षिणपंथ विरोधी रुख के लिए खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
दक्षिणपंथी संगठनों से शिकायत मिलने के बाद भारत सरकार ने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मसले पर ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी को तलब भी किया था। लेकिन वह संसदीय कमिटी के सामने पेश नहीं हुए।
अभिजीत ने सरकार से विदेशी कंपनियों की दखलअंदाजी के प्रभाव को समझने और उनके खिलाफ कार्रवाई की अपील की।