पैसे देकर युवाओं की निजी सामग्री, मैसेज और लोकेशन तक पहुंच बना रही फेसबुक
क्या है खबर?
निजता के उल्लंघन और अन्य नीतियों की वजह से आलोचना का सामना करने वाली फेसबुक एक बार फिर से विवादों के केंद्र में है।
एक खुलासे के अनुसार, कंपनी पैसे देकर युवाओं से ऐसे ऐप इंस्टाल करा रही है, जो उनकी निजी साम्रगी तक पहुंच रखते हैं।
विभिन्न बीटा टेस्टिंग सेवाओं के जरिए फेसबुक पिछले 3 साल से गुप्त रूप से यह काम कर रही है।
खुलासा कंपनी के निजता का सम्मान करने के दावों पर सवाल खड़ा करता है।
फेसबुक रिसर्च
'फेसबुक रिसर्च' ऐप है प्रक्रिया का केंद्र
वेबसाइट 'टेकक्रंच' द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार, फेसबुक ऐपलॉज, बीटीबाउंड और यूटेस्ट जैसी बीटा टेस्टिंग सेवाओं के जरिए 13 से 35 साल के लोगों को टारगेट कर रही थी।
ये कंपनियां फेसबुक यूजर्स को अपने एंड्रॉयड और iOS सिस्टम पर 'फेसबुक रिसर्च' नामक VPN ऐप इंस्टॉल कराती थीं और इसके बाद उनसे फोन को पहले की तरह ही इस्तेमाल करने को कहती थीं।
कंपनियां ऐप इंस्टॉल करने वाले यूजर्स को हर महीने $20 तक देती थीं।
मैसेज
सोशल मीडिया संदेशों तक थी पहुंच
ऐप इंस्टॉल होने तक कंपनियां प्रक्रिया में फेसबुक की भागेदारी की बात नहीं बताती थीं।
ऐप के इंस्टॉल होने के बाद फेसबुक की यूजर्स की निजी साम्रगी और इंटरनेट गतिविधियों तक पहुंच हो जाती।
खुलासे के अनुसार, इसके जरिए फेसबुक की यूजर्स के सोशल मीडिया पर निजी संदेशों, मैसेजिंग ऐप चैट, दूसरों को भेजे गए वीडियो और तस्वीर, ईमेल, इंटरनेट सर्च और मौजूदा लोकेशन तक पहुंच थी।
ऐप यूजर्स से उनके अमेजन ऑर्डर का स्क्रीनशॉट भी मांगती थी।
फेसबुक
पहले भी ऐसी कोशिश कर चुका है फेसबुक
'टेकक्रंच' से बात करते हुए कंपनी के एक प्रवक्ता ने माना कि कंपनी को इस ऐप के बारे में पता है, जिसका लक्ष्य डेटा इकट्ठा करना है।
पिछले साल ही कंपनी ऐसे ही एक ऐप के कारण विवादों में रही थी।
ऐप्पल ने इसपर प्रतिबंध लगाते हुए ऐप स्टोर से हटा दिया था।
इस खुलासे के बाद ऐप्पल और फेसबुक के बीच तनाव फिर से बढ़ सकता है क्योंकि विवादित ऐप, ऐप्पल ऐप स्टोर के नियमों का उल्लंघन करता है।