पूर्व IAS अधिकारी ने उठाए EVM पर गंभीर सवाल, चुनाव आयोग ने दिया जवाब
अगले महीने हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले बोतल में बंद EVM का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर कई सवाल उठाए थे। चुनाव आयोग ने इन आरोपों की जांच शुरू की है। कन्नन ने मंगलवार को कईं सरे ट्वीट कर दावा किया था कि VVPAT आने के बाद EVM को हैक किया जा सकता है। आइए जानें।
VVPAT के कारण हैक हो सकती है EVM- कन्नन
कन्नन ने सिलेसिलेवार ट्वीट कर दावा किया कि VVPAT यूनिट लगने की वजह से EVM की बैलेट यूनिट (BU) सीधा कंट्रोल यूनिट (CU) से संपर्क में नहीं रहती। बता दें, बैलेट यूनिट वह होती है, जिस पर वोटर बटन दबाकर वोट डालता है। इसके बाद यह वोट कंट्रोल यूनिट में रजिस्टर होता है। कन्नन ने कहा कि अब VVPAT ही यह नियंत्रित करती है कि पेपर स्लिप पर क्या निशान दिखेगा और कंट्रोल यूनिट में क्या रजिस्टर होगा।
मालवेयर की मदद से की जा सकती है गड़बड़
कन्नन ने दावा किया है कि चूंकि VVPAT मशीन में प्रोग्रामेबल मेमरी होती है इसलिए उन्हें हैक करना आसान है। उन्होंने लिखा, 'VVPAT मशीन में प्रोसेसर और प्रोग्रामेबल मेमरी होती है। यही कंट्रोल यूनिट में वोट रजिस्टर करती है। अगर किसी मशीन में प्रोसेसर और प्रोग्रामेबल मेमरी है तो इसे हैक किया जा सकता है। इस पर मालवेयर डाउनलोड कर काम करने के तरीके में गड़बड़ की जा सकती है।' VVPAT मशीन से वोट डालने के बाद पर्ची निकलती है।
यहां देखिये कन्नन के ट्वीट
कौन है कन्नन गोपीनाथन?
केरल के रहने वाले 33 वर्षीय IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कश्मीर में 'मूल अधिकारों के हनन' और 'पाबंदियों' के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दिया था। कन्नन का कहना था कि कश्मीर मामले में कोई प्रतिक्रिया न देना उन्हें पीड़ा दे रहा था। वह दादर और नागर हवेली में कई अहम विभागों के मुख्य सचिव के तौर पर काम कर रहे थे और सरकारी बिजली वितरण कंपनी को घाटे से मुनाफे में पहुंचाने में उनका अहम योगदान था।
कन्नन बोले- दो बार उठा चुका हूं मामला
कन्नन ने कहा कि नौकरी में रहते हुए दो बार EVM में हैकिंग की संभावना का मुद्दा उठा चुके हैं। बुधवार को चुनाव आयोग ने कन्नन के आरोपों का विस्तार से जवाब दिया है।
चुनाव आयोग ने दिया यह जवाब
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा कि कन्नन दादर और नागर हवेली के जिला निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी थे। इस लोकसभा में 304 पोलिंग स्टेशन थे, जबकि देशभर में पोलिंग बूथों की संख्या 10.36 लाख थी। आयोग ने कहा कि कन्नन ने ऐसा कोई दस्तावेज नहीं भेजा, जिसमें इस मुद्दे को लेकर शिकायत की गई थी। नौकरी से इस्तीफा देने के बाद वह यह मामला उठा रहे हैं। मुद्दा उठाने और लिखित शिकायत देने में अंतर होता है।
1.25 करोड़ पर्चियों के मिलान में नहीं मिली गड़बड़- चुनाव आयोग
आयोग ने कहा कि उनके आरोपों की जांच की गई है। आयोग ने 1.25 करोड़ VVPAT की पर्चियों का EVM में पड़े वोट के साथ मिलान किया था और कहीं भी ऐसा मामला सामने नहीं आया, जहां एक उम्मीदवार के वोट दूसरे को मिले हो।