
मनीष गुप्ता हत्याकांड: CBI ने दाखिल की चार्टशीट, 6 पुलिसकर्मियों को बनाया आरोपी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में घटित व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को लखनऊ की कोर्ट में चार्टशीट दाखिल कर दी है।
इसमें CBI ने उत्तर प्रदेश पुलिस के छह तत्कालीन पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया है।
आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों में तत्कालीन वरिष्ठ निरीक्षक जगत नारायण सिंह, उप निरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार यादव शामिल हैं।
धारा
पुलिसकर्मियों को इन धाराओं के तहत बनाया गया है आरोपी
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, CBI ने चार्टशीट में आरोपी बनाए गए छह तत्कालीन पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (गंभीर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 218 (गलत रिकॉर्ड बनाना), 201 (सबूत से छेड़छाड़), 120-B (आपराधिक साजिश) और 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत आरोप लगाए हैं।
इतना ही नहीं CBI की टीम ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कई अहम सुबूत मिलने का भी दावा किया है।
मामला
CBI ने पिछले साल नवंबर में दर्ज किया था मामला
CBI ने पिछले साल 2 नवंबर को उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के अनुरोध पर मामला दर्ज किया था।
इससे पहले गोरखपुर के रामगढ़ पुलिस थाने में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की शिकायत पर तीन पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया था।
मनीष के परिजनों का दावा था कि पुलिसकर्मियों की पिटाई के कारण मनीष की मौत हुई है। उनकी पत्नी मीनाक्षी ने भी पुलिस और होटल स्टाफ पर मामले को छिपाने का भी आरोप लगाया था।
शिकायत
मनीष की पत्नी ने पुलिसकर्मियों पर लगाया था हत्या का आरोप
मनीष गुप्ता की पत्नी ने शिकायत में आरोप लगाया था कि 27 सितंबर को मनीष गुप्ता गोरखपुर के एक होटल में रुके हुए थे। उस दौरान छह पुलिसकर्मी उनके कमरे में घुसे और मनीष के साथ बदसलूकी करने लगे।
उनकी पत्नी के मुताबिक, जब मनीष गुप्ता ने इसका विरोध किया तो आरोपी पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनको पीटना शुरू कर दिया, जिससे मनीष गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
कोशिश
पुलिस ने की थी मामला दबाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले को दबाने की भरकस कोशिश की थी।
पुलिस ने कहा था, "हम पहचान-पत्र जांचने के लिए होटल के उस कमरे में घुसे थे, जहां मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे। जब हम तीनों से पूछताछ कर रहे थे, तब मनीष गुप्ता जमीन पर गिर गए क्योंकि वह नशे में थे और उनके सिर में चोट लगी गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।"