वैक्सीन निर्यात पर लगी रोक हटाने का विचार कर रहा भारत, अफ्रीका भेजी जाएंगी खुराकें
आधी से अधिक व्यस्क आबादी को एक खुराक लगाने और आपूर्ति में इजाफे के बाद भारत अब वैक्सीन निर्यात की बहाली पर विचार कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सरकार अफ्रीका में वैक्सीन भेजने की योजना बना रही है। गौरतलब है कि भारत दुनिया में वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक है और सरकार ने मार्च में महामारी की दूसरी लहर के दौरान घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्यात बंद कर दिया था।
"निर्यात का फैसला लगभग हो चुका"
वैक्सीन निर्यात बहाली पर विचार की खबर ऐसे समय सामने आई है, जब अगले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं, जहां क्वाड सम्मेलन के दौरान कोरोना वैक्सीन पर चर्चा हो सकती है। इस बार क्वाड का पहला इन-पर्सन सम्मेलन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में होगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा, "निर्यात का फैसला लगभग हो चुका है। भारत वैक्सीन और कोविड ऑपरेशन मॉडल, दोनों के जरिये अफ्रीका की मदद करना चाहता है।"
WHO प्रमुख से मिले थे विदेश मंत्रालय के अधिकारी
सोमवार को विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय ही भारत के वैक्सीन निर्यात को संभालता है। हालांकि, अभी तक मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं संगठन ने कहा है कि वो कोवैक्स में आपूर्ति बहाल करने के लिए लगातार भारतीय अधिकारियों के संपर्क में है। कोवैक्स के जरिये गरीब देशों में वैक्सीन वितरित की जाती है।
अफ्रीका ने की थी निर्यात से रोक हटाने की मांग
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी ब्रूस ऐलवार्ड ने कहा, "हमें भरोसा दिया गया है कि आपूर्ति इसी साल बहाल हो जाएगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमें अगले ही कुछ हफ्तों में वैक्सीन आपूर्ति का आश्वासन मिल सके।" दूसरी तरफ, इसी हफ्ते अफ्रीकी संघ ने आरोप लगाया था कि वैक्सीन कंपनियां उसे खुराकें खरीदने के लिए उचित मौके नहीं दे रहीं। संघ ने उत्पादक देशों और खासकर भारत से निर्यात पर लगी रोक हटाने की अपील की थी।
निर्यात पर रोक से पहले भारत भेज चुका था 6.6 करोड़ खुराकें
गौरतलब है कि बढ़ती घरेलू जरूरतों को देखते हुए भारत ने मार्च के अंत में वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी थी। इससे पहले करीब 100 देशों में वैक्सीन की 6.6 करोड़ खुराकें बतौर दान और वाणिज्यिक सौदे के तहत भेजी जा चुकी थीं।
वैक्सीन वितरण में है भारी असमानता
दुनियाभर में अब तक 5.7 अरब खुराकें लगाई जा चुकी हैं, लेकिन इनमें से महज 2 प्रतिशत ही अफ्रीकी देशों में लगाई गई हैं। अमीर देश जहां अपनी जरूरत से ज्यादा खुराकें लिए बैठे हैं और उनके पास साल के अंत तक एक अरब सरप्लस खुराकें होंगी। वहीं कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ है और उन्हें वैक्सीन भी नहीं मिल रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन वितरण में इस तरह की असमानता को 'अस्वीकार्य' बताया है।
भारत में वैक्सीनेशन अभियान ने पकड़ी रफ्तार
भारत में पिछले कुछ समय से वैक्सीन आपूर्ति सुधरने से वैक्सीनेशन अभियान ने रफ्तार पकड़ी है। देश के छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 100 प्रतिशत व्यस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि भारत में अब तक 60.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है। इनमें से 18 करोड़ लोग पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके हैं।