कोरोना वायरस: क्या होता है कोविड टॉ और यह किस कारण होता है?
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कई लोगों को पूरी तरह स्वस्थ्य होने में लंबा समय लग रहा है। महामारी से ठीक होने के बाद भी कई लक्षण परेशानी बढ़ाते रहते हैं। ऐसा ही एक लक्षण पैर के अंगूठों और अंगुलियां के खराब होने का है। इसे कोविड टॉ (Covid toe) नाम से जाना जाता है। इसमें पैर के अंगूठे और कई बार अंगुलियां भी लाल हो जाती हैं और उनमें दर्द होने लगता है।
क्या होता है कोविड टॉ?
कोविड टॉ किसी भी उम्र के मरीज को हो सकता है, लेकिन यह अधिकतर बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है। इससे पीड़ित कुछ लोगों को दर्द नहीं होता, लेकिन इस पर खुजली आती है और कई मामलों में फफोलों के साथ सूजन भी देखी गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब इंसानी शरीर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अटैक मोड में आता है तो उसके साइड इफेक्ट के कारण कोविड टॉ जैसे लक्षण नजर आते हैं।
संक्रमण के दूसरे लक्षण नहीं आते नजर
कोविड टॉ से प्रभावित त्वचा लाल हो जाती है। कुछ लोगों को इस पर खुजली भी होती है और इसमें मवाद भर जाता है। कुछ लोग इससे हफ्तों में ठीक हो जाते हैं तो कुछ को ठीक होने में महीनों का समय लग जाता है। कोविड टॉ से प्रभावित लोगों में कोरोना संक्रमण के दूसरे लक्षण जैसे लगातार खांसी आना, बुखार रहना, स्वाद या गंध का महसूस न होना जैसे लक्षण नजर नहीं आते।
क्या है कोविड टॉ का कारण?
ताजा अध्ययन में पता चला है कि इम्युन सिस्टम में टाइप 1 इंटरफेरोन नामक प्रोटीन और एक एंटीबॉडी कोरोना का मुकाबला करती है। ये एंटीबॉडी वायरस के साथ-साथ इंसानी शरीर के टिश्यू और सेल्स पर पर भी हमला करती है। इस कारण कई ब्लड सेल्स भी प्रभावित होती हैं, जिससे इस तरह के लक्षण सामने आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये अपने आप ठीक हो जाते हैं और कुछ लोगों को मामूली इलाज की जरूरत पड़ती है।
महामारी के शुरुआती दौर में सामने आए थे ज्यादा मामले
BBC के अनुसार, ब्रिटिश स्किन फाउंडेशन की प्रवक्ता डॉ वेरोनिक बटेयली ने कहा कि महामारी के शुरुआती दौर में कोविड टॉ के अधिक मामले सामने आ रहे थे और अब धीरे-धीरे इनकी संख्या कम हो रही है। डेल्टा वेरिएंट की लहर में इसके कम मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लोगों को वैक्सीन से मिली सुरक्षा या किसी दूसरी सुरक्षा के कारण हो सकता है। वैक्सीनेशन के बाद ऐसे लक्षण दिखना दुर्लभ है।
दुनियाभर में संक्रमण की क्या हालत?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 23.58 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 48.17 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 4.39 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 7.05 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में अभी तक 3.38 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया गया है और 4.49 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।