कोरोना वायरस: बेंगलुरू में सामने आए दोबारा संक्रमित होने के 35 मामले
देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्र में इस समय कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और सरकार उनसे निपटने में जुटी है। इसी बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से परेशान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां के सात अस्पतालों ने कोरोना से दोबारा संक्रमित होने के नए मामलों की सूचना दी है। बड़ी बात यह है कि ऐसे मामलों की संख्या एक-दो नहीं, बल्कि 35 है। इसने विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है।
28 में से सात अस्पतालों में सामने आए मामले
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बेंगलुरू में कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे कुल 28 सरकारी और निजी अस्पतालों में से सात अस्पतालों के अधिकारियों ने अब तक उनके यहां दोबारा संक्रमण के 35 मामले पकड़े हैं। इसी तरह 17 अस्पतालों में इस तरह को कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा चार अस्पतालों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इतनी संख्या में दोबारा संक्रमण के मामलों ने चिकित्सा विशेषज्ञों के सामने दुविधा खड़ी कर दी है।
दोबारा संक्रमण मे सामने आए गंभीर लक्षण
जयनगर जनरल अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां ऐसे करीब 10 मामले आए हैं। दोबारा संक्रमण में उनके गंभीर लक्षण सामने आए थे और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने की जरूरत थी। ऐसे में उन्हें राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिसीज (RGICD) में रैफर कर दिया गया था। इनमें से अधिकतर मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी, बुखार, फेफड़ों का गंभीर संक्रमण और मांसपेशियों में तेज दर्द की शिकायत थी।
ऐसे मामलों की पुष्टि के लिए होती है जीनोम अनुक्रमण की आवश्यकता- डॉ सचिन
मणिपाल हॉस्पिटल्स में इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी के सलाहकार डॉ सचिन डी ने कहा कि उनके यहां ऐसे सात मामले सामने आए थे। उन्होंने बिगड़ी हुई रेडियोलॉजिकल स्थिति के साथ बेहद गंभीर नए लक्षण विकसित थे। उसके हिसाब से ही उनका इलाज किया गया था। उन्होंने कहा कि मरीजों ने उपचार के बाद जल्द ही रिकवरी कर ली। हालांकि, इस तरह के मामलों की पुष्टि के लिए जिनोमिक अध्ययन की आवश्यकता होती है।
अपर्याप्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है दोबारा संक्रमण- डॉ सचिन
डॉ सचिन ने कहा कि पहली बार के संक्रमण के दौरान अपर्याप्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया, प्रतिरक्षा क्षमता में कमी या म्यूटेन स्ट्रेन के कारण मरीजों के दोबारा संक्रमित होने का खतरा रहता है। पहली बाद में मरीज किसी के संपर्क में आकर संक्रमित हुए थे।
जिनोमिक अध्ययन से हुई दोबारा संक्रमण की पुष्टि- डॉ नागराज
RGICD के निदेशक डॉ नारागज ने कहा कि दोबारा संक्रमण के कारणों का पता लगाने के लिए मरीजों के सैंपल जिनोमिक अध्ययन के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए थे। इसमें रमैया मेमोरियल अस्पताल दो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पुष्टि हुई थी। वह संक्रमण से दो बार संक्रमित हुए थे। हालांकि, उनके लक्षण नजर नहीं आए थे। इसी तरह प्रिस्टाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में तीन और विक्टोरिया अस्पताल ने पांच मामले सामने आए हैं।
भारत और बेंगलुरू में यह है संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन संक्रमण के 43,082 नए मामले सामने आए और 492 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 93,09,787 हो गई है, वहीं 1,35,715 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इसी तरह बेंगलुरू में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,84,559 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 4,251 मरीजों की मौत हो चुकी है और 3,61,071 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं।