CPEC के लिए चीन से 2.7 अरब डॉलर का लोन लेगा पाकिस्तान- रिपोर्ट
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के एक प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए चीन से 2.7 अरब डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) का लोन लेने का फैसला लिया है और अगले हफ्ते इस संबंध में आधिकारिक अनुरोध भेजा जाएगा।
पाकिस्तान ने ये लोन एक प्रतिशत ब्याज दर पर मांगा है, हालांकि चीन ने अभी ब्याज दर को लेकर कुछ साफ नहीं किया है और असल ब्याज दर पाकिस्तान के प्रस्ताव से ऊपर रह सकती है।
रिपोर्ट
कुल 6.1 अरब डॉलर में से पहले केवल 2.73 अरब डॉलर मांगेगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, CPEC के मैनलाइन-1 प्रोजेक्ट (ML-1) की वित्तीय समिति ने फैसला लिया है कि पाकिस्तान चीन के कुल 6.1 अरब डॉलर वित्तपोषण में से पहले केवल 2.73 अरब डॉलर के लोन को मंजूरी देने का अनुरोध करेगा।
बता दें कि ML-1 प्रोजेक्ट के तहत पेशावर और कराची के बीच के 1,872 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को अपग्रेड भी किया जाना है और उसका दोहरीकरण होना है।
प्रक्रिया
अगले हफ्ते लेटर ऑफ इंटेंट भेजेगा पाकिस्तान, ज्यादा रह सकती है ब्याज दर
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में वित्त मंत्रालय को अगले हफ्ते चीन को आधिकारिक तौर पर लेटर ऑफ इंटेंट भेजने को कहा गया है क्योंकि चीन इस महीने के अंत तक अगले साल के अपने खर्च की योजनाओं को अंतिम रूप दे देगा।
सूत्रों ने अखबार को ये भी बताया कि आधिकारिक तौर पर तो चीन ने कुछ नहीं कहा, लेकिन अनाधिकारिक तौर पर चीनी प्रशासन का कहना है कि ब्याज दर शीट एक प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
जानकारी
आर्थिक कंगाली की कगार पर है पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान पिछले काफी समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और आर्थिक कंगाली के कगार पर है। कोरोना वायरस महामारी ने उसकी मुसीबतों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में चीन की ये मदद उसके लिए फायदेमंद हो सकती है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा
क्या है CPEC?
CPEC चीन की 'वन बेल्ट, वन रोड' (OBOR) परियोजना का हिस्सा है, जिसके जरिए चीन पूरी दुनिया में अपने व्यापारिक मार्गों का जाल बिछाना चाहता है। OBOR चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है।
CPEC चीन के जिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है और इसलिए भारत इस पर आपत्ति जताता रहा है। इसके तहत कई रेलवे लाइन और हाईवे बनने हैं।
महत्व
चीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है CPEC
चीन अपने व्यापार के लिए समुद्री मार्गों पर बहुत निर्भर है और उसका लगभग 80 प्रतिशत व्यापार मलक्का जलडमरूमध्य (मलक्का स्ट्रेट) से होकर गुजरता है। भारत का अंडमान-निकोबार जलडमरूमध्य के पास ही स्थित है और भारतीय नौसेना जरूरत पड़ने पर आसानी से इस मार्ग से जाने वाले चीना व्यापार को रोक सकती है।
अपनी इसी कमजोरी को दूर करने के लिए चीन CPEC बना रहा है, जिसके जरिए वह भारत को बाईपास कर सीधे अरब सागर तक पहुंच जाएगा।
जानकारी
चीन के मंसूबों को लेकर आशंका जता चुके हैं पाकिस्तानी विशेषज्ञ
चीन CPEC में लगभग 62 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है, हालांकि कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञ चीन के मंसूबों को लेकर आशंका भी जाहिर कर चुके हैं। उन्हें शंका है कि पाकिस्तान को अपने कर्ज तले दबाकर चीन उसे "उपनिवेश" की तरह रख सकता है।