दिल्ली में अब खुद का होगा शिक्षा बोर्ड, केजरीवाल सरकार ने दी गठन की मंजूरी
राजधानी दिल्ली में अब अन्य राज्यों की तरह ही अपना अलग शिक्षा बोर्ड होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार दिल्ली कैबिनेट ने नए शिक्षा बोर्ड के गठन करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। बता दें कि दिल्ली में अभी तक केवल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाण पत्र (ICSE) बोर्ड हैं। कुछ स्कूलों में सत्र 2021-22 में में नए बोर्ड के तहत पढ़ाई होगी।
दिल्ली सरकार ने वार्षिक बजट में की थी नया शिक्षा बोर्ड बनाने की घोषणा
बता दें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने अपने वार्षिक बजट में दिल्ली के लिए पाठ्यक्रम सुधार और शिक्षा बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। सरकार ने पिछले जुलाई में अपनी इन महत्वपूर्ण योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए दो पैनल बनाए थे।
20-25 स्कूलों को बनाया जाएगा नए राज्य शिक्षा बोर्ड का हिस्सा- केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में 1,000 सरकारी और 1,700 निजी स्कूल हैं। सभी सरकारी स्कूल और अधिकांश निजी स्कूल CBSE से संबद्ध हैं। ऐसे में आगामी शैक्षणिक वर्ष में 20-25 सरकारी स्कूलों को नए राज्य शिक्षा बोर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा और उनकी CBSE संबद्धता को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों को राज्य बोर्ड के तहत लाने का फैसला स्कूल प्रधानाध्यापक, शिक्षक और अभिभावकों से चर्चा के बाद किया जाएगा।
बोर्ड के पाठ्यक्रम में रटने नहीं बल्कि समझाने पर होगा जोर- केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि नए शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में छात्रों को रटाने पर जोर नहीं होगा बल्कि समझने-समझाने पर जोर होगा। इसी तरह अब किसी भी बच्चे का आंकलन केवल साल के आखिरी में तीन घंटे के आधार पर नहीं होगा, बल्कि पूरे साल आंकलन चलता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के प्रयासों को देखते हुए आने वाले चार-पांच सालों में सभी स्कूल स्वेच्छा से राज्य के नए शिक्षा बोर्ड से जुड़ जाएंगे।
तीन लक्ष्यों को पूरा करेगा बोर्ड- केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजारीवाल ने कहा कि नए बोर्ड के तीन लक्ष्य होंगे। इसमें कट्टर देशभक्त बच्चे तैयार किए जाएंगे, जो आने वाले समय में देश मे हर क्षेत्र में जिम्मेदारी उठाने को तैयार हों। इसी तरह बच्चों को जाती-धर्म से ऊपर उठाकर उनमें इंसानियत, समाज और परिवार का ध्यान रखने वाला बनाया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करेगा कि बच्चे अपने पैरों पर खड़े हों ताकि जब वह अपनी पढ़ाई पूरी करके निकलें।
मुख्यमंत्री ने किया सरकार द्वारा किए गए कार्यों का बखान
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों में हीन भावना होती थी, लेकिन जब सरकार ने बजट का 25 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करना शुरू किया तो बदलाव आए। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया और अध्यापकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा। छात्रों को विदेश भेजना शुरू किया और फिजिक्स, केमिस्ट्री के ओलिंपियाड के लिए उन्हें विदेश भेजा। कई जगहों से दिल्ली के बच्चे मेडल जीतकर लौटे हैं।
सरकारी स्कूलों का सुरक्षित है बच्चों का भविष्य- केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजारीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग और बड़े-बड़े कॉलेज में प्रवेश मिलने लगा है। यही कारण है कि अब अभिभावकों को भी भरोसा होना शुरू हो गया है कि सरकारी स्कूल में बच्चों का भविष्य सुरक्षित है।