दिल्ली: 10 हजार रुपये से भी कम है 42 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च
दिल्ली सरकार द्वारा बेहतर नियोजन और नीति निर्धारण के मामले में शहर के लोगों की जरूरतों के आकलन करने के लिए कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सामने आ गई है। इसके अनुसार दिल्ली के 42.5 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च 10,000 रुपये से भी कम है। इसी तरह 47.31 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च 10,000-25,000 के बीच है। इसके अलावा 8.44 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च 25,000-50,000 के बीच और महज 1.66 प्रतिशत परिवार 50,000 रुपये खर्च करते हैं।
सरकार ने तीन नाबालिगों की बुखमरी से मौत के बाद उठाया था कदम
बता दें कि जुलाई 2018 में पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में तीन नाबालिग बालिकाओं मानसी (8), शिखा (4) और पारुल (2) की भुखमरी से मौत हो गई थी। उसके बाद ही सरकार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराने की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया था।
बालिकाओं की मौत के बाद आंगनबाड़ी केंद्र के रिकॉर्ड से की थी छेड़छाड़
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार तीनों बालिकाओं का परिवार आंगनवाड़ी नंबर 62 के केचमेंट क्षेत्र में रहता था। मामले की जांच में सामने आया था कि उनकी मौत के बाद आंगनबाड़ी केंद्र ने अपने यहां से बालिकाओं का रिकॉर्ड ही हटा दिया था। इसमें रजिस्टर से बालिकाओं के नाम वाले पन्ने हटाने के साथ, पेंसिल से दर्ज रिकॉर्ड को मिटा दिया गया था। इसने एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के प्रयासों की पोल खोल दी थी।
उत्तरी जिले में रहते हैं कम खर्च करने वाले सबसे अधिक परिवार
सर्वे के अनुसार उत्तरी जिले में 10,000 रुपये से कम मासिक खर्च वाले सबसे अधिक 1,09,353 (54.13%) परिवार रहते हैं। इसके बाद पश्चिमी जिलों में 48.84 प्रतिशत और दक्षिण-पश्चिम जिलों में 30.99 प्रतिशत यानी 49,570 परिवार रहते हैं। यहां सबसे अधिक 56.50 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च 10,000 से 25,000 रुपये के बीच है और उसके बाद इस आय समूह के लोगों के सबसे अधिक संख्या 53.67 प्रतिशत दक्षिण जिले मे हैं।
नई दिल्ली में रहते हैं 25,000 से अधिक खर्च करने वाले सबसे अधिक परिवार
सर्वे के अनुसार दिल्ली में महज 8.44 प्रतिशत परिवारों का मासिक खर्च 25,000 से 50,000 के बीच है। इनमें सबसे अधिक 15.05 प्रतिशत परिवार नई दिल्ली में रहते हैं। इसी तरह 10.83 परिवार दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, 10.65 प्रतिशत परिवार उत्तर-पश्चिम और 10.22 प्रतिशत प्ररिवार शाहरदा में रहते हैं। इसके उलट इस आय समूह के सबसे कम 5.64 प्रतिशत परिवार पूर्वोत्तर दिल्ली में रहते हैं। ऐसे में नई दिल्ली में यह संख्या सबसे अधिक है।
3.89 लाख रुपये है दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय
सर्वे के अनुसार दिल्ली में महज 1.66 प्रतिशत परिवारों का ही मासिक खर्च 50,000 या उससे अधिक है। इस आय के 3.04 प्रतिशत परिवार नई दिल्ली में और 2.77 प्रतिशत परिवार उत्तर-पश्चिम जिले में रहते हैं। इसी तरह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गत मार्च में दिल्ली विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए बताया था कि साल 2019-20 में दिल्ली में प्रति व्यक्ति सालाना आय 3.89 लाख रुपये है, जो राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक है।