NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / दिल्ली हाई कोर्ट ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत, केंद्र को दिए अहम निर्देश
    अगली खबर
    दिल्ली हाई कोर्ट ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत, केंद्र को दिए अहम निर्देश
    दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की आवश्यकता पर जोर।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत, केंद्र को दिए अहम निर्देश

    लेखन भारत शर्मा
    Jul 09, 2021
    06:09 pm

    क्या है खबर?

    दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) यानी समान नागरिक संहिता की आवश्यका पर जोर दिया है।

    कोर्ट ने कहा कि देश में अब संविधान के अनुच्छेद-44 में UCC की धारणा को वास्तविक रूप देने का समय आ गया है। ऐसे में सरकार को इसे लागू करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

    कोर्ट ने कहा बदलते हुए भारत में UCC की बहुत अधिक आवश्यकता है।

    प्रकरण

    दिल्ली हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले को लेकर की टिप्पणी

    दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी तलाक के एक मामले को लेकर की है। कोर्ट में मीणा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले एक दंपती के तलाक का मामला आया था।

    इसमें कोर्ट के सामने बड़ा सवाल यह था कि जून 2012 में हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने वाले दंपती के तलाक के मामले में हिंदू मैरिज एक्ट-1955 के प्रावधान लागू होंगे या नहीं?

    कारण यह था कि पति-पत्नी के बीच तलाक के लिए मैरिज एक्ट को लेकर विवाद था।

    चुनौती

    पति ने दी थी पारिवारिक न्यायालय के फेसले को चुनौती

    दरअसल, पति ने पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए याचिका दायर की थी। इस पर पत्नी ने याचिका का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की अपील की थी।

    उसने कहा था कि वह राजस्थान की मीणा जनजाति से आती है और हिन्दू मैरिज एक्ट उन पर लागू नहीं होगा।

    इस पर पारिवारिक न्यायालय ने पति की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद में इस फैसले के खिलाफ पति ने दिल्ली हाई कोर्ट का रूख किया था।

    फैसला

    हाई कोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के फैसले पर लगाई रोक

    पति की याचिका के बाद कोर्ट के सामने सवाल खड़ा हो गया कि उसमें हिन्दू मैरिज एक्ट के मुताबिक फैसला दिया जाए या मीना जनजाति के नियम के मुताबिक।

    कोर्ट ने पाया कि मीणा जनजातियों के मामलों के निपटारे के लिए कोई विशेष कोर्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में UCC की आवश्यकता है।

    इस पर कोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए मामले में हिन्दू मैरिज एक्ट के (13)(1) के तहत निर्णय करने के आदेश दिए हैं।

    टिप्पणी

    बदलते भारत में है UCC की जरूरत- हाई कोर्ट

    जस्टिस प्रतिभा एम सिंह कहा, "आज का भारत बदल रहा है, लोग धीरे-धीरे जाति, धर्म के बंधन से ऊपर उठ रहे है और पारंपरिक बाधाएं कम हो रही है। ऐसे में कुछ मामलों में शादी के बाद तलाक में युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए देश में UCC लागू करने की जरूरत है।"

    उन्होंने आगे कहा, "अदालतों को बार-बार पर्सनल लॉ कानूनों में उत्पन्न होने वाले संघर्षों का सामना करना पड़ता है।"

    परेशानी

    युवाओं को कानूनों के टकरावों में जूझने के लिए नहीं किया जा सकता मजबूर- हाई कोर्ट

    हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जस्टिस सिंह ने कहा, "भारत में अलग समुदायों, जातियों या जनजातियों में विवाह करने वाले युवाओं को अलग-अलग पर्सनल लॉ में होने वाले टकरावों से उत्तपन्न मुद्दों से जूझने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, खासकर शादी और तलाक के मामलों में।"

    उन्होंने कहा कि भारत में समान नागरिक संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत परिकल्पित है और सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस संबंध में समय-समय पर दोहराया भी गया है।"

    स्पष्ट

    क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

    यूनिफॉर्म सिविल कोड का सामान्य अर्थ कानूनों के ऐसे समूह से है जो शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार, विरासत के मामले में देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान हो। अभी अलग-अलग धर्मों के लिए अलग कानून हैं।

    इन कानूनों में हिंदू मैरिज एक्ट, हिंदू उत्तराधिकार कानून, इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट, इंडियन डिवोर्स एक्ट, पारसी मैरिज एक्ट और डिवोर्स एक्ट हैं।

    हालांकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ को अभी संहिताबद्ध नहीं किया गया है और यह धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारत की खबरें
    दिल्ली
    दिल्ली हाई कोर्ट
    केंद्र सरकार

    ताज़ा खबरें

    अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद गिरफ्तार, कर्नल सोफिया पर उठाए थे सवाल ऑपरेशन सिंदूर
    व्हाइट हाउस ने 2 'जिहादियों' को बनाया सलाहकार; एक आतंकी प्रशिक्षण ले चुका, जेल भी गया व्हाइट हाउस
    टाटा हैरियर EV 3 जून को होगी लॉन्च, जानिए क्या मिलने की है उम्मीद  टाटा मोटर्स
    IPL 2025: LSG बनाम SRH मुकाबले की पिच रिपोर्ट, जानिए इकाना स्टेडियम के आंकड़े  IPL 2025

    भारत की खबरें

    ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा डेल्टा वेरिएंट, बीते सप्ताह मिले 35,000 से अधिक मामले यइटेड किंगडम
    कोरोना वैक्सीन: SII जुलाई में 920 बच्चों पर शुरू करेगी 'कोवावैक्स' का ट्रायल अमेरिका
    टाटा नेक्सन EV में हुए कई बदलाव, जानें किन नए फीचर्स को किया गया शामिल ऑटोमोबाइल
    प्रधानमंत्री मोदी ने की वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा, कहा- बनी रहनी चाहिए गति नरेंद्र मोदी

    दिल्ली

    बाबा रामदेव ने दिया कानूनी नोटिस का जवाब, कहा- पूरी तरह से है गलत दिल्ली हाई कोर्ट
    क्या है भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से उछाल का कारण? मुंबई
    सर गंगाराम अस्पताल ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी से किया कोरोना मरीजों का सफल उपचार भारत की खबरें
    दिल्ली की सड़कों पर स्पीड लिमिट बदली, अब इस गति से तेज नहीं चला सकेंगे वाहन दिल्ली सरकार

    दिल्ली हाई कोर्ट

    दिशा रवि की व्हाट्सऐप चैट प्रकाशित करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का चैनलों को नोटिस टूलकिट मामला
    दिशा रवि के मामले में मीडिया ने की पक्षपातपूर्ण और सनसनीखेज रिपोर्टिंग- दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस
    कोरोना वैक्सीन निर्यात करने की बजाय पहले देशवासियों को लगाए केंद्र- दिल्ली हाई कोर्ट वैक्सीन समाचार
    दिल्ली दंगों की 'साजिश' मामला: चार्जशीट लीक करने वाले व्यक्ति का पता लगाए पुलिस- हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस

    केंद्र सरकार

    वैक्सीनेशन अभियान: मई-जून में ग्रामीण इलाकों में लगाई गईं 53 प्रतिशत खुराकें- सरकार कोरोना वायरस
    केंद्र की राज्यों को नसीहत, कहा- कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराएं और लापरवाही से बचें गृह मंत्रालय
    जम्मू-कश्मीर में क्या नया करने की तैयारी में है सरकार? प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक नरेंद्र मोदी
    कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों को नहीं दे सकते चार लाख का मुआवजा- केंद्र सुप्रीम कोर्ट
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025