'मसालों में गोमूत्र होने का दावा करने वाले वीडियो हटाएं', हाई कोर्ट का गूगल को आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने गूगल को आदेश दिया है कि यूट्यूब से मसालों में गोमूत्र और गाय का गोबर होने का आरोप लगाकर इसे 'बदनाम' करने वाले वीडियो हटाएं। हाई कोर्ट ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि इस तरह के वीडियो अपलोड करने का उद्देश्य ब्रांड नेम को जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास है। बता दें कि हाई कोर्ट ने ये बात 'कैच' मसाले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल मसाला ब्रांड 'कैच' ने दिल्ली हाई कोर्ट में दो यूटयूब चैनलों पर अपलोड हुए वीडियो को लेकर शिकायत की थी। इन वीडियो में दावा किया गया था कि कैच समेत कई भारतीय मसालों में गाय का गोबर और गोमूत्र मिलाया जाता है। कैच ने कहा था कि वह मसालों में उच्चतम गुणवत्ता और स्वच्छता के मानकों को बनाए रखती है और वीडियो में किए गए दावे मानहानिकारक और अपमानजनक है।
दुर्भावना के साथ अपलोड किए गए वीडियो- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि वीडियो में बिना किसी आधार के मसाला ब्रांड के खिलाप मानहानिकारक टिप्पणियां हैं। कोर्ट ने कहा, "ब्रांड 'कैच' ने सभी संबंधित नियामक निकायों से प्रमाणन प्राप्त किया है और एक प्रयोगशाला से एक स्वतंत्र खाद्य विश्लेषण की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है, जिसमें सामने आया है कि मसालों में गाय के गोबर, गोमूत्र या अन्य दूषित पदार्थों की उपस्थिति नहीं है।"
हाल ही में बोर्नवीटा को लेकर भी हुआ था विवाद
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने दूध में मिलाकर पीने वाले ड्रिंक बोर्नवीटा पर सवाल उठाए थे। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि बोर्नवीटा में भारी मात्रा में शुगर है और इसमें कैंसर को जन्म देने वाले रंग मिलाए जाते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बोर्नवीटा बनाने वाली कंपनी कैडबरी ने रेवंत को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसके बाद रेवंत ने वीडियो डिलीट कर दिया था।
यूट्यूबर ध्रुव राठी को भी हटाना पड़ा था वीडियो
इसी साल मार्च में कलकत्ता हाई कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी को भी एक वीडियो हटाने का निर्देश दिया था। ध्रुव ने वीडियो में पैकेज्ड जूस के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले 'नकारात्मक' प्रभाव पर बात की थी। उन्होंने पैकेज्ड जूस की तुलना कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से की। इसके खिलाफ डाबर कंपनी ने मुकदमा किया था। बाद में कोर्ट ने ध्रुव से 7 दिन के भीतर वीडियो के आपत्तिजनक हिस्से को हटाने को कहा था।